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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 28 मई 2025 (18:26 IST)

बारिश के सीजन में शुगर पेशेंट्स ना करें ये 7 काम, बढ़ जाएगी आफत

diabetes management during monsoon
diabetes management during monsoon: बारिश का मौसम जैसे ही दस्तक देता है, तो हर किसी के चेहरे पर अलग ही चमक आ जाती है। चारों ओर हरियाली, ठंडी हवाएं और मिट्टी की सौंधी खुशबू इस मौसम को बेहद सुकूनदायक बना देती है। लेकिन जहां ये मौसम रोमांस और राहत लेकर आता है, वहीं कुछ लोगों के लिए ये आफत का कारण भी बन सकता है, खासकर डायबिटीज यानी शुगर से जूझ रहे लोगों के लिए।
 
शुगर पेशेंट्स की इम्यूनिटी वैसे ही थोड़ी कमजोर होती है और बारिश के मौसम में यह और भी ज्यादा चैलेंजिंग हो जाती है। हाई ह्यूमिडिटी, अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव, खान-पान की लापरवाही और हाइजीन की कमी इस मौसम में डायबिटिक लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन जाती है। अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है और साथ ही इंफेक्शन्स, घाव भरने में देरी, स्किन डिजीज और पाचन समस्याएं भी उभर सकती हैं। इसलिए अगर आप या आपके घर में कोई शुगर पेशेंट है, तो इस मॉनसून कुछ खास बातों से बचना जरूरी है। यहां हम बता रहे हैं बारिश के मौसम में डायबिटीज के मरीजों को 7 ऐसे काम जो बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए, वरना छोटी सी लापरवाही बन सकती है बड़ी आफत।
 
1. भीगने के बाद गीले कपड़ों में देर तक रहना
बारिश में अचानक भीग जाना आम बात है, लेकिन शुगर पेशेंट्स के लिए ये बिल्कुल भी साधारण नहीं है। डायबिटीज के कारण शरीर की हीलिंग क्षमता पहले से ही कमजोर होती है और अगर आप गीले कपड़ों में देर तक रहते हैं, तो इससे स्किन इंफेक्शन, फंगल इन्फेक्शन या यहां तक कि पैर में घाव हो सकते हैं, जो जल्दी भरते नहीं। ऐसे में अगर आप बारिश में भीग जाएं, तो तुरंत सूखे और साफ कपड़े पहनें, पैरों को अच्छे से सुखाएं और गर्म पानी से स्नान करके शरीर का तापमान संतुलन में रखें।
 
2. ओवरईटिंग या मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन
बारिश के मौसम में तले-भुने पकवान और मीठे व्यंजन जैसे जलेबी, समोसे, पकौड़े और चाय की चुस्कियों का मन करता है। लेकिन डायबिटिक पेशेंट्स के लिए ये स्वाद भारी पड़ सकता है। ऐसे फूड्स में हाई कार्ब और शुगर कंटेंट होता है जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। इसके बजाय फाइबर युक्त, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले स्नैक्स लें जैसे भुना चना, मूंग दाल चीला या ओट्स उपमा, और हर्बल टी का सेवन करें।
 
3. पैरों की सफाई को नजरअंदाज करना
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर पैरों में सूजन, घाव या सुन्नपन की समस्या होती है। मॉनसून में नमी और गंदगी से पैरों में फंगल इंफेक्शन और अल्सर बनने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए हर दिन सोने से पहले पैरों को अच्छे से धोकर सुखाएं, अगर जरूरत हो तो एंटी-फंगल पाउडर का उपयोग करें, और पैरों में किसी भी तरह की खरोंच या घाव को नजरअंदाज बिल्कुल न करें। नियमित रूप से पैरों की जांच करना बेहद जरूरी है।
 
4. हाइड्रेशन को हल्के में लेना
बारिश के मौसम में ठंडक के कारण प्यास कम लगती है और हम अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं। लेकिन डायबिटीज में डिहाइड्रेशन एक बड़ी समस्या बन सकती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप दिनभर में 2.5-3 लीटर पानी पिएं, चाहे प्यास लगे या न लगे। साथ ही, सादा पानी, नारियल पानी और हर्बल ड्रिंक्स से बॉडी को हाइड्रेट रखें।
 
5. इन्फेक्शन को मामूली समझना
मॉनसून में वायरल, फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स बहुत आम हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए ये सामान्य संक्रमण भी खतरनाक रूप ले सकता है। अगर आपको बुखार, घाव, स्किन पर खुजली, रैशेज या कमजोरी जैसा कुछ महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। अपने ब्लड शुगर लेवल को नियमित जांचते रहें और दवाओं का सेवन समय पर करें। किसी भी तरह की सेल्फ मेडिकेशन या घरेलू उपाय से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
 
6. फिजिकल एक्टिविटी से दूरी बनाना
बारिश आते ही जिम या पार्क जाना बंद हो जाता है, और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। लेकिन डायबिटिक पेशेंट्स के लिए यह बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि वर्कआउट ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने का सबसे प्रभावी तरीका है। अगर आप बाहर नहीं जा सकते, तो घर पर योग, वॉकिंग, स्टेयर क्लाइम्बिंग या ऑनलाइन एक्सरसाइज क्लासेस को अपनी रूटीन में शामिल करें। एक्टिव रहना इस मौसम में और भी जरूरी है।
 
7. हेल्थ चेकअप्स को टालते रहना
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो अंदर ही अंदर असर करती है और बारिश का मौसम उसे ट्रिगर कर सकता है। इसलिए समय-समय पर शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर, यूरिन, फूट हेल्थ और आई चेकअप कराना बहुत जरूरी है। कोई भी लक्षण छोटा नहीं होता, सावधानी ही सुरक्षा है। 


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