Monsoon Health Tips: बारिश का मौसम जितना रोमांटिक लगता है, उतना ही टेढ़ा भी हो सकता है हमारी सेहत के लिए। खासकर जब हम प्री-मानसून की बात करते हैं, तो ये वो समय होता है जब मौसम में ह्यूमिडिटी बढ़ने लगती है, मच्छरों की फौज एक्टिव हो जाती है, और वायरल इंफेक्शन का खतरा तेजी से फैलता है। लोग अक्सर बारिश के मज़े में इतने खो जाते हैं कि छोटी-छोटी सावधानियों को नजरअंदाज कर देते हैं, और फिर बीमार पड़ने के बाद अफसोस करते हैं।
प्री-मानसून सीजन वो वक्त होता है जब आप अपने हेल्थ रूटीन को ट्यून करने का मौका पा सकते हैं ताकि पूरा मानसून बिना खांसी, जुकाम, बुखार या स्किन प्रॉब्लम के आसानी से निकले। नीचे दिए गए ये 8 जरूरी टिप्स आपको न सिर्फ बीमारियों से बचाएंगे बल्कि इस खुशनुमा मौसम का असली मजा भी लेने देंगे।
1. रूटीन में हेल्दी डाइट को शामिल करें
प्री-मानसून में हमारी इम्यूनिटी टेस्ट पर होती है, इसलिए सबसे पहले ज़रूरी है अपने खान-पान को लेकर सजग रहना। इस सीजन में फूड पॉइज़निंग, पेट दर्द, डायरिया जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। बाहर का खाना खासकर स्ट्रीट फूड अवॉइड करें क्योंकि इस समय खुले खाने में बैक्टीरिया पनपने की संभावना ज्यादा रहती है।
अपने डेली डायट में तुलसी, अदरक, हल्दी, नींबू और हरी सब्ज़ियां शामिल करें। विटामिन C से भरपूर फल जैसे संतरा, मौसंबी, आंवला आदि इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें ताकि बॉडी हाइड्रेटेड रहे और डिटॉक्सिफिकेशन सही ढंग से हो।
2. पानी से भरे स्थानों से रखें दूरी
प्री-मानसून में सबसे बड़ी दिक्कत होती है जगह-जगह पानी का जमाव, जो मच्छरों की ब्रीडिंग ग्राउंड बनता है। ऐसे में घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। गमलों की ट्रे, कूलर, पुराने टायर या खुले बर्तनों में जमा पानी को साफ़ करते रहें।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोगों से बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट या मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल ज़रूर करें। सुबह और शाम के वक्त जब मच्छर सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं, उस दौरान सावधानी बढ़ा दें।
3. स्किन और हेयर केयर को बनाएं डेली रूटीन
पसीना और नमी के चलते स्किन पर रैशेज, फंगल इंफेक्शन और डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए इस मौसम में हल्के और नॉन-कॉमेडोजेनिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। चेहरे को दिन में 2-3 बार साफ़ करें और टोनर लगाएं ताकि पसीने की गंदगी हट सके।
हेयर वॉश के लिए सल्फेट-फ्री शैंपू का उपयोग करें और हर वॉश के बाद कंडीशनर लगाना न भूलें। स्कैल्प को सूखा रखें और अगर बारिश में भीग जाएं तो बालों को तुरंत धोकर सुखा लें ताकि इंफेक्शन न फैले।
4. संतुलित एक्सरसाइज और योग अपनाएं
बारिश के दिनों में अक्सर लोग आलसी हो जाते हैं और वर्कआउट छोड़ देते हैं। लेकिन प्री-मानसून ही वो समय है जब आपको अपने फिटनेस गोल पर और ज्यादा ध्यान देना चाहिए। अगर आउटडोर एक्सरसाइज मुमकिन नहीं है तो घर पर योग और स्ट्रेचिंग को दिनचर्या में शामिल करें।
सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और हल्की कार्डियो एक्सरसाइज आपकी इम्यूनिटी और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगी। इससे न केवल फिजिकल फिटनेस बनी रहेगी, बल्कि मूड भी पॉजिटिव रहेगा।
5. हाइजीन का रखें खास ध्यान
प्री-मानसून में गंदगी और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं, इसलिए हाइजीन से कोई समझौता न करें। दिन में दो बार नहाएं अगर पसीना ज्यादा आता है, और नाखूनों की सफाई का ध्यान रखें। पब्लिक प्लेसेज में टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त सैनिटाइजर या डिसइंफेक्टिंग वाइप्स का उपयोग ज़रूर करें। वॉशरूम यूज करने के बाद हाथ धोना कभी न भूलें।
6. फुटवियर और कपड़ों का चुनाव स्मार्टली करें
बारिश के दिनों में सिंथेटिक, कॉटन या लाइट वेट कपड़े पहनना बेस्ट रहता है क्योंकि ये जल्दी सूखते हैं और स्किन को फंगस से बचाते हैं। डेनिम या टाइट कपड़े पहनने से बचें क्योंकि ये भीगने के बाद जल्दी सूखते नहीं और स्किन पर इरिटेशन कर सकते हैं। फुटवियर की बात करें तो रबर या वॉटरप्रूफ सैंडल या फ्लोटर्स बेस्ट रहते हैं। गीले मोजे या जूतों को तुरंत बदलें क्योंकि इनमें फंगस पनप सकता है।
7. भीगने पर तुरंत करें ये काम
अगर आप अचानक बारिश में भीग जाएं, तो घर पहुंचते ही सबसे पहले कपड़े बदलें और गरम पानी से स्नान करें। इसके बाद हल्का गर्म पेय जैसे तुलसी वाली चाय या अदरक का काढ़ा पीएं, जिससे शरीर के तापमान को संतुलन मिले और आप वायरल इन्फेक्शन से बच सकें। भीगने के बाद गीले कपड़ों में ज़्यादा देर रहना खतरनाक हो सकता है, इससे स्किन इंफेक्शन और सर्दी-खांसी की आशंका बढ़ जाती है।
8. मेंटल हेल्थ का भी रखें ख्याल
बारिश का मौसम कुछ लोगों के लिए उदासी और लो-मूड की वजह भी बन सकता है, जिसे सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर कहते हैं। ऐसे में म्यूज़िक, मेडिटेशन और किताबों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बहुत मददगार हो सकता है। अपने सोशल सर्कल से जुड़ें, ऑनलाइन क्लासेस लें या कोई नई हॉबी अपनाएं ताकि माइंड एक्टिव रहे। याद रखें, मेंटल हेल्थ उतनी ही ज़रूरी है जितनी फिजिकल फिटनेस।
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