रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. corona time carelessness
Written By WD

CoronaVirus : आपको कोरोना कैसे हुआ, 15 जानी-अनजानी लापरवाहियां

CoronaVirus : आपको कोरोना कैसे हुआ, 15 जानी-अनजानी लापरवाहियां - corona time carelessness
कोरोना का कहर अब सांसों में जहर बन कर घुल रहा है....बहुत विकराल समस्या का सामना हम बहुत छोटे हथियारों से कर रहे हैं.... जाने अनजाने में हमसे ही हुई छोटी-बड़ी लापरवाहियां आज हावी हो रही हैं.... हमने बात की कोविड की चपेट में आए मरीजों से और जानना चाहा कि उनसे गलती कहाँ पर हुई है... सुरक्षा के कवच के बीच सेंध कहाँ से लगी? लापरवाही और चूक हम कहाँ कर बैठे.... जवाब जानना जरुरी है कि कहीं यही लापरवाही आप भी तो नहीं कर रहे...
 
1. पब्लिक ट्रांस्पोर्ट में सफर
कावेरी शाह ने माना कि सबसे बड़ी लापरवाही पब्लिक ट्रांस्पोर्ट में सफर करने से हो रही है... भले ही आप फिर घर जाकर एहतियात बरतें लेकिन 1 घंटा भी अगर आप सफर कर रहे हैं तो वायरस अपना काम कर चुका होता है...यही मेरे साथ हुआ मैंने अपनी दोस्तों की सलाह और ऑफिस की गाइड लाइन नहीं मानी....एक बार तो थक गई तो घर जाकर नहाई भी नहीं....नतीजा कोविड इंफेक्शन हुआ और आज हजारों के इंजेक्शन और दुआओं से बची हूँ...
 
2.बीमार के हाल जानने गई थीं
जयश्री जायसवाल ने माना कि उनकी बेटी के ससुर को कोरोना ही हुआ था और लोक लाज के चलते तबियत देखने जाना पड़ा नतीजा यह हुआ कि पूरा घर बाद में बीमार पड़ा...
 
3.टाइफाइड ही समझती रही
चीना जैन लॉकडाउन के बाद ऑफिस जाने लगी तो ध्यान पूरा रखा लेकिन जब बुखार-जुकाम हुआ तो टाइफाइड और वायरल मानने की भूल की, जब संक्रमण बढ गया तब तक देर हो गई थी....आखिर रिपोर्ट पोजिटिव आई और अस्पताल में भर्ती होना ही पडा...सोहन शर्मा का भी मानना है कि तेज बुखार के साथ अधिक कमजोरी और खांसी को सीजनल समझ सामान्य दवा लेते रहे और अपनी तबियत खुद बिगाड़ी हमने....
 
4.मास्क नहीं पहना था
संजय पुरोहित कहते हैं मेरे एक दोस्त को खांसी थी...हम दोनों ने ही उसे सामान्य समझा...और हाँ मास्क ना उसने पहना था और ना मैंने....
 
5.छूने के बाद हाथ धोना भूल गए
संतोष उपाध्याय: मास्क, सेनेटाइज का सख्ती से पालन कर रहा था पर एक दिन बाहर से आकर हर जगह छूने के बाद मैं हाथ धोना भूल गया जिससे मुझे कोरोना हुआ....उस दिन की वही लापरवाही मुझे भारी पड़ी...
 
6.मार्केट से वापस आ कर स्टीम नहीं ली
परमजीत ने कहा हम स्टीम ज़रूर लेते थे मार्केट से वापस आ कर..पर आखिरी बार नहीं ली ..2 दिन बाद ही बुखार आ गया फिर तो एक के बाद एक पूरी फैमिली ही पॉजिटिव हो गई.. मुझे लगता है बाहर से आ कर स्टीम न लेना ही मुख्य भूल थी...
 
7.ठंडा गर्म खाना
अरुण :मेरी तबियत बिगड़ने की शुरुआत गरम खाने पर फ्रीज में रखे दही खाने से हुई... पहले लगा कि सर्द गर्म हुई है धीरे-धीरे गड़बड़ बढने पर चेक कराया तब तक फैफड़ा 20% संक्रमित हो गया...
 
8.त्योहार बिना गाइडलाइन के मनाया
निशा : होली पर बिना मास्क लगाए उज्जैन गई और घर की सबसे छोटी बहू को होली चढी सबने जमकर खेली और सब एक साथ बीमार पड़े.....सही बात तो यह है कि जैसे हम भूल ही गए थे कि कोरोना चल रहा है हमने त्योहार बिना गाइडलाइन के मनाया और बमुश्किल बचे हैं...अब भी कमजोरी बनी हुई है.... यह हमारी गलती थी...मैं मानती हूँ....
 
9.कार में एसी चल रहा था
मुकेश बताते हैं कि ससुरजी नहीं रहे तो तुरंत जोधपुर जाना पडा रास्ते में रुके भी दो जगह.... कार में एसी चल रहा था... जाते ही बीमार पड़ गया...रिपोर्ट पोजिटिव आई फिर बाद में मेरे डॉक्टर मित्र ने बताया कि कार में एसी तबियत के लिए जिम्मेदार हो सकता है... पर यह हमारा अनुमान है, सच तो हम भी नहींं जानते....

 
10. मास्क उतारा था,चेहरे पर हाथ भी लगाया था
नरेश के अनुसार : मै कोविड सेन्टर पर टीका लगवाने गया था। वहां भीड़ थी। दूसरे दिन फीवर आया और अगले 8 दिनों तक उतरा नहीं, जांच कराने पर पाज़िटिव था। मेरी गलती थी कि मैंने मास्क भी उतारा था और पसीने को पोंछने के लिए चेहरे पर हाथ भी लगाया था। भीड़ से कोरोना आया होगा ऐसा लगता है....
11.गाइड लाइन का पालन नहीं
रोहित शिंदे : परिवार में हुई गमी पर जब मैं श्मशान गया था। नॉन कोविड डेथ थी लेकिन बस वहाँ से आते ही बुखार आया और फिर कोविड रिपोर्ट आ गई... लोग ज्यादा थे वहां यानी गाइड लाइन का पालन नहीं हुआ था...हालांकि कैसे क्या हुआ उस पर पक्की तौर पर कुछ नहीं कह सकता... बस अनुमान ही लगा सकते हैं...मेरी गलती है मुझे दूरी और सुरक्षा का ध्यान रखना था...मेरी वजह से पूरा परिवार परेशान हुआ...
12. वैक्सीनेशन ने बनाया लापरवाह
विकास ने वैक्सीनेशन करवा लिया तो उन्हें ये लगा कि वो सेफ हैं जबकि वैक्सीनेशन के बाद ही वो पॉजिटिव हुए, कोविड सावधानियां नहीं बरती जिससे दूसरे लोगों को भी इंफेक्शन हुआ.. उन्हें अफसोस है कि शिक्षित होने के बाद भी ये गलती उन्होंने की...
 
13. आंखें और कान को नहीं ढंका
मिनल कहती है : मास्क तो सब लगाते हैं लेकिन आंखें और कान पर किसी का ध्यान नहीं जाता। बगैर चश्मे और कान की सुरक्षा के बिना बाहर निकालना भी खतरनाक है...मै इसका उदाहरण हूँ.... चुनाव ड्यूटी पर मैंने फेस शील्ड उतारी, रबर दस्ताने नहीं पहने, कोल्ड ड्रिंक पिया, बाजार का खाना खाया मेरे ख्याल से इन्हीं में से कोई एक कारण रहा...
 
14. मुख शुद्धि भी जरुरी है
आंचल के अनुसार :शुरू में तो मैं सारी सावधानियां रखती थी पर जब मैं चपेट में आई उस वक्त पर नज़र डालूं तो मुझे लगता है मैं बाहर से आकर गार्गल या ब्रश नहीं कर पाई यही लापरवाही मुझे महंगी पड़ी...
 
15. कपड़े नहीं धोए
प्रांजल :मै जिस कोचिंग में पढाता हूँ वहाँ एक फेकल्टी को कोविड हुआ... एक दिन पहले तक हम साथ थे,दूरी रखने का तो सवाल ही नहीं था...पर लापरवाही की बात यह कि उसके साथ रहने वाले दिन जो कपड़े मैंने पहने थे वो ना तो मैंने अलग किए ना ही धोने में डाले...मैंने एक साथ घर में सबकी जिंदगी दांव पर लगा दी....मेरे बाद पत्नी हुई और फिर जब छोटी बेटी में लक्षण दिखे तो मैं दहल गया.. मैं अपनी गलतियों के बारे में ही सोच रहा हूँ अब तक....पता नहीं कैसे चपेट में आ गया.... शायदकपड़े की वजह से....
 
अपनी हर स्थिति के आधे जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं...और अगर सच्चे मन से अपनी कमियां, गलतियां और लापरवाहियों को तलाशेंगे तो ऐसे ही 100 से ज्यादा कारण और नजर आएंगे कि चूक हमसे कब, कहाँ और कैसे हुई....अगर आप भी कोविड का शिकार हुए हैं तो जागरुकता फैलाएं और अपनी गलती स्वीकार कर दूसरों का जीवन बचाएं.... (Webdunia Health Desk)
नोट : यहाँ प्रस्तुत विचार मरीजों के निजी अनुभव और अनुमान पर आधारित है... वेबदुनिया इसकी चिकित्सा सम्बंधित पुष्टि नहीं करता है....इस प्रस्तुति का उद्देश्य वर्तमान हालातों में आमजन को सेहत और सुरक्षा के प्रति जागरुक करना है... कोरोना कभी भी, कहीं से भी, किसी को भी हो सकता है अत: हमारी पहली जिम्मेदारी खुद को सुरक्षित रखने की है....मास्क लगाएं, दूरी बनाएं....