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हरी-हरी पत्तियां, सेह‍त की 13 सखियां

हरी-हरी पत्तियां, सेह‍त की 13 सखियां - 13 types of leaves and home remedies
सर्दियों का मौसम जहां सेहत बनाने का होता है वहीं सेहत की सुरक्षा का भी होता है। इन दिनों बाजार में हरी-भरी सब्जियां दिखाई देती है लेकिन हम आपको बता रहे हैं कुछ खास तरह की पत्तियों के कुछ खास गुण.... 
 
ठंडा-ठंडा कूल-कूल पुदीना
पुदीना : पुदीने की पत्तियों को पीसकर उसके रस में आधा नींबू व चुटकीभर काला नमक मिलाकर पीने से पेट का अफरा व अपच खत्म हो जाता है। इसकी पत्तियों को खाने से मुँह की दुर्गंध खत्म हो जाती है। 
 
रोग का नाश समूल, करता है बबूल 
बबूल : बबूल की पत्तियों को उबालकर उस पानी को कुल्ला करने से दाँत व मसूड़े मजबूत होते हैं। बबूल की पत्तियों का रस निकालकर सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से गर्मी के फोड़े-फुंसी में आराम मिलता है। 
 
बड़ के पत्ते से बढ़ते हैं बाल 
बड़ : बड़ की पत्ती के दूध में एक नींबू का रस मिलाकर सिर में आधे घंटे तक लगा रहने दें। फिर सिर को गुनगुने पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है व बाल तेजी से बढ़ते हैं। 
 
बेर की पत्ती, सबसे अच्छी 
बेर : बेर की पत्तियों व नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर बालों में लगा लें व दो घंटे बाद बालों को धो लें। इसका एक माह तक प्रयोग करने से नए बाल उग आते हैं व बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
 
बेलफल, हर समस्या का हल 
बेलफल : बेलफल के गूदे और पत्तियों को शकर में मिलाकर तीन दिन नियमित डेढ़ से 2 कप पीने से अतिसार में लाभ होता है। 
 
हर रोग का हकीम, मीठा और कड़वा नीम
नीम : नीम की 10-12 पत्तियों को पीसकर सुबह खाली पेट पीने से गर्मी की घमौरियों व चर्मरोग का शमन होता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर सिर धोने से बाल झड़ना रुक जाता है व जुएं, लीख मर जाते हैं।
 
हर आंगन की शोभा डॉ. तुलसी 
तुलसी : तुलसी के 8-10 पत्तों को पीसकर चीनी में मिलाकर पीने से लू नहीं लगती है। अगर लू लग गई है तो आराम मिल जाता है। रोज प्रातः खाली पेट तुलसी के चार पत्ते नियमित खाने से बीमारी नहीं होती है। 
 
खुशबू और ठंडक देती मेहंदी 
मेहंदी : मेहंदी की पत्तियों को पीसकर रात को सोते समय पैर के तलवों व नाखूनों पर लगाने से शरीर की गर्मी शांत होती है व लू लगने का भय नहीं रहता। मेहंदी हर हफ्ते बालों में लगाने से सिर की गर्मी शांत हो जाती है। 
 
सांस महकाए चमेली के पत्ते 
चमेली : अगर आपके मुंह में छाले हो गए हों तो तीन दिन नियम से चमेली की पाच पत्ती चबाने से आराम मिलता है। अगर मुँह से दुर्गंध आ रही हो तो चमेली की पत्तियों को उबालकर उसमें आधे नींबू का रस निचोड़कर कुल्ला करने से दुर्गंध दूर हो जाती है। 
 
पत्तों का बादशाह :  पान 
पान : पान के पत्ते में मिश्री के कुछ दाने रखकर खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है। 
 
शहतूत की पत्तियों में टॉन्सिल्स का इलाज 
शहतूत : शहतूत की पत्तियों को उबालकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक डालकर गरारे करने से टॉन्सिल्स की सूजन में आराम मिलता है व गले की खराश दूर हो जाती है। शहतूत के रस में थोड़ी चीनी मिलाकर पीने से पेट की जलन व पेडू की गर्मी में आराम मिलता है। 
 
घबराहट मिटाए अनार की छाल 
अनार : अनार की छाल का काढ़ा बना लें। एक कप काढ़े में आधा चम्मच सौंठ का चूर्ण डालकर सुबह-शाम पीने से खूनी दस्त व खूनी बवासीर में आराम मिलता है। इसके दानों का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है और घबराहट मिट जाती है। 
 
सफेद दाग का समाधान है अंजीर के पत्तों में 
अंजीर : सफेद दाग शुरू होते ही अंजीर के पत्तों व इसकी जड़ को घिसकर लेप लगाने से सफेद दाग का बढ़ना बंद हो जाता है व धीरे-धीरे दाग मिट जाते हैं। एक अंजीर के चार टुकड़े खाने से कफ वाली खाँसी ठीक हो जाती है। 
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