हरिद्वार। महाकुंभ 2021 में सोमवार को सोमवती अमावस्या के दिन सरकार के घोषित कुंभकाल के पहले शाही स्नान पर अलसुबह से ही हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। सुबह 7 बजे तक हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर भी सामान्य श्रद्धालुओं ने स्नान किया। शाम 6 बजे तक हरकी पैड़ी पर 31 लाख 23 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया था, जबकि स्नान का क्रम देर रात तक जारी रहेगा।
सोमवार को सोमवती अमावस्या शाही स्नान के दिन सुबह 7 बजे हरकी पैड़ी ब्रहमकुंड और मालवीय घाट पर आम श्रद्धालुओं का आवागमन और स्नान रोक दिया गया। इसके बाद अखाड़ों के साधु-संतों के शाही स्नान का क्रम शुरू हुआ।
सबसे पहले सोमवती अमावस्या के शाही स्नान के लिए श्री पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े के संत हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पहुंचे। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरिजी महाराज ने सबसे पहले गंगा पूजन और दुग्धाभिषेक किया।
उन्होंने अखाड़े के इष्टदेव कार्तिकेय भगवान की डोली को गंगा स्नान कराने के बाद खुद शाही स्नान किया। उनके साथ निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरीजी महाराज, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री बालकानंद गिरिजी महाराज सहित अन्य संतजनों ने 'हर हर महादेव, हर हर गंगे' का जयघोष करते हुए मां गंगा में शाही स्नान किया। अपने निर्धारित समय के बाद तय रूट से अखाडे़ के संतजन अखाड़े की ओर वापस लौट गए।
दूसरे क्रम में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री अग्नि और आवाहन अखाड़े के संतजन शाही स्नान को पहुंचे। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज सहित अन्य संतों ने स्नान किया। उनके साथ किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और अन्य संतों ने भी शाही स्नान किया।
तीसरे क्रम पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण कनखल के श्रीमहंत रविन्द्रपुरीजी महाराज, महामंडलेश्वर महंत रूपेन्द्र प्रकाशजी महाराज और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े के संतजनों ने हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए शाही स्नान किया।
इसी क्रम में शाही स्नान के लिए तीनों बैरागी अखाड़े अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अणि अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अणि अखाड़ा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के संतों ने शाही स्नान कर सभी के कल्याण की कामना की। संतों के दर्शन के लिए जिस रूट से शाही स्नान की पेशवाई आ रही थी लोगों में जबरदस्त उत्साह था। दर्शन मात्र के लिए लोग धूप में इंतजार करते रहे थे।
इसके बाद श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन निर्वाण और इसके बाद श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा निर्वाण के साधु संतों ने स्नान किया। सबसे आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु-संतों ने जयघोष करते हुए शाही स्नान किया। शाही स्नान के लिए आ रहे सभी साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया गया।
शाही स्नान की व्यवस्था को लेकर अधिकारी सजग रहे। सुबह से ही गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, डीजीपी अशोक कुमार, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, एसएसपी हरिद्वार सहित अन्य अधिकारी मेला क्षेत्र में निगरानी करते रहे। इस दौरान अपर मेलाधिकारी डॉ. ललितनारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि अधिकारीगण भी व्यवस्था बनाने और उसकी निगरानी करने में जुटे रहे।
शाही स्नान का यह रहा रूट : सोमवती अमावस्या के शाही स्नान के लिए मेला पुलिस प्रशासन ने जो रूट निर्धारित किया था, उसके अनुसार अखाड़े के साधु संत, महंतों को अपने अखाड़े और छावनी से निर्धारित समयानुसार निकलकर शंकराचार्य चैक, चंडीघाट चैराहा, सामान रखने का स्थान (रोड़ी), शौल पुल से होते हुए ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर आना था। निर्धारित समय सीमा में स्नान करने के बाद ब्रह्मकुंड से प्रस्थान कर सामान उठाने के स्थान रोड़ी, केशव आश्रम तिराहा, शंकराचार्य चैक होते हुए अपने अखाडे में पहुंचने का रूट तय था।
समय के साथ बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या : सोमवती अमावस्या के शाही स्नान के लिए अल सुबह से ही श्रद्धालुओं के स्नान का क्रम शुरू हो गया था। शाम 6 बजे तक 31 लाख 23 हजार श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य अर्जित कर लिया था। सुबह 10 बजे 17 लाख 31 हजार लोगों ने श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुम्भ मेला क्षेत्र के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान किया। यह संख्या दिन में 12 बजे 21 लाख 7 हजार पहुंच गई थी। शाम चार बजे स्नानार्थियों की संख्या 27 लाख 79 हजार और 6 बजे तक यह आंकड़ा 31 लाख 23 हजार तक पहुंच गया था जबकि स्नान का क्रम देर रात तक जारी रहेगा।