गुरु पूर्णिमा पर क्यों करते हैं व्यास पूजा, जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त
Guru Purnima muhurat n significance : गुरु पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक विशेष पर्व होता है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है और उसे सम्मान दिया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने वेदों का संकलन किया और महाभारत जैसे महाग्रंथ की रचना की। इस साल यह पावन पर्व 10 जुलाई 2025, दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस पर्व के बारे में...
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गुरु पूर्णिमा पर व्यास पूजा क्यों करते हैं, जानें 4 खास बातें...
1. महर्षि वेदव्यास का जन्म: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्हें 'आदि गुरु' या प्रथम गुरु माना जाता है, क्योंकि उन्होंने वेदों का विभाजन किया और महाभारत जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की।
2. ज्ञान के प्रथम संवाहक: वेदव्यास ने ही सर्वप्रथम वेदों के ज्ञान को जनसामान्य के लिए सुलभ बनाया और उन्हें शास्त्रबद्ध रूप में संकलित किया। उन्होंने अपने शिष्यों को अलग-अलग वेदों का ज्ञान दिया, जिससे गुरु-शिष्य परंपरा की औपचारिक शुरुआत हुई।
3. गुरुओं के भी गुरु: महर्षि वेदव्यास को गुरुओं के भी गुरु माना जाता है। उनके इस योगदान और ज्ञान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है, जिसे व्यास पूजा कहते हैं।
4. गुरु के प्रति श्रद्धा: यह दिन केवल वेदव्यास जी के जन्मदिन का पर्व नहीं है, बल्कि यह सभी गुरुओं के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस है। गुरु हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं, इसलिए इस दिन गुरुओं का पूजन और उनका आशीर्वाद लेना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
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गुरु पूर्णिमा 2025 कब है और पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है:
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 2 दिन पड़ रही है, लेकिन उदया तिथि के अनुसार 10 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा मान्य होगी।
10 जुलाई 2025, गुरुवार: गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त...
• पूर्णिमा तिथि की शुरुआत: 10 जुलाई की रात 1:36 बजे से
• पूर्णिमा तिथि का समापन: 11 जुलाई की रात 2:06 बजे तक।
पूजा के लिए शुभ समय:
• ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:10 बजे से 4:50 बजे तक
• अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक
• विजय मुहूर्त: दोपहर 2:45 बजे से 3:40 बजे तक
• गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:21 बजे से 7:41 बजे तक
इस दिन स्नान, दान और गुरु पूजन करने से जीवन में ज्ञान, शुभता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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