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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : गुरुवार, 28 जनवरी 2021 (22:13 IST)

Ground Report : गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवॉल्टेज हुआ राकेश टिकैत का धरना

Ground Report : गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवॉल्टेज हुआ राकेश टिकैत का धरना - Rakesh Tikaits high-voltage strike on Ghazipur border
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान आंदोलन पल-पल रंग बदल रहा है। जहां कुछ देर पहले राकेश टिकैत के स्वर मद्धिम पड़ गए थे, वह अचानक तीव्र हो गए। राकेश टिकैत और प्रशासन के बीच बातचीत से लग रहा था कि कुछ पलों में धरना समाप्ति की घोषणा औपचारिक तौर पर होनी है, लेकिन अगले ही पल राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा करके सबको सकते में डाल दिया।
 
 टिकैत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि प्रशासन एक तरफ आंदोलन खत्म करवाना चाहता है, मंच पर आकर बात कर रहा है, लेकिन वहीं मंच से नीचे भाजपा विधायक 300 से अधिक लोगों को लाठी डंडे लेकर खड़े हो गए हैं, ये क्या समझा जाए। एक तरफ शांति वार्ता दूसरी तरफ लाठी -डंडों से किसानों की पिटाई।  
टिकैत मीडिया से बातचीत करते हुए भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि अब वो पानी तभी पिएंगे, जब गांव से आएगा। प्रशासन को गिरफ्तारी नही देंगे, चाहे लाठी गोली क्यों न खानी पड़े।
 
 टिकैत का रोता हुआ वीडियो जैसे ही वायरल हुआ तो किसानों में हड़कंप मच गया। मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में भारतीय किसान यूनियन के नेता और बालियान खाप के मुखिया नरेश टिकैत ने आपात पंचायत बुलाई है। यह माना जा रहा है कि बड़ी तादाद में रात को ही गांवों से किसान गाजीपुर की तरफ कूच कर जाएंगे।
 
राकेश टिकैत ने स्थानीय प्रशासन और शासन से बात करने से इंकार कर दिया है। टिकैत शुक्रवार को भारत सरकार से बात करने की बात कह रहे हैं। जब तक भारत सरकार से बातचीत नही होती और गांवों से किसान नहीं आ जाते, तब तक धरना अनवरत जारी रहेगा। हालांकि धारा 133 लगी हुई है। टिकैत को प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है धरनास्थल खाली करने के लिए। 
राकेश टिकैत ने धरनास्थल के पास से एक असामाजिक तत्व को पकड़ा है, ये शख्स हाथ में डंडा लेकर अभद्रता कर रहा था। किसानों से लगातार टिकैत अपील कर रहे है कि अवांछनीय तत्वों से सजग रहें, जो आंदोलन में घुसकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। 
 
किसान आंदोलन के दो धड़े आंदोलन से अलग हो गए हैं लेकिन राकेश टिकैत का गाजीपुर में धरना अब हाईवॉल्टेज हो गया है। टिकैत कभी दहाड़ रहे हैं तो कभी फूट- फूट कर रोने लगते हैं। अभी ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अनुमान लगाना नामुमकिन है। देखना है कि असमंजस की स्थिति कब तक चलेगी।
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