सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. राकेश टिकैत ने की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग
Written By
Last Updated : मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021 (01:10 IST)

राकेश टिकैत ने उठाया सवाल, रोजाना बढ़ रही महंगाई पर 4 साल से गन्ने पर नहीं बढ़ी एक भी पाई

RakeshTikait | राकेश टिकैत ने की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग
गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि ईंधन और उर्वरकों के दाम बढ़ गए हैं लेकिन उत्तरप्रदेश में गन्ना खरीद की दर पिछले 4 सालों से स्थिर बनी हुई है। उन्होंने दावा किया कि किसानों के गन्ने का 12,000 करोड़ रुपए राज्य के पास बकाया है।
 
बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान आंदोलन पश्चिमी उत्तरप्रदेश के किसानों के समर्थन में भी है जिन्हें गन्ना उपज की उचित दर नहीं मिल रही है।  वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर से दिल्ली-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं।
पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और अन्य स्थानों के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं- गाजीपुर बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देते हुए नया कानून बनाए। 
 
बीकेयू के एक बयान के अनुसार टिकैत ने कहा कि शाहजहांपुर के गन्ना संस्थान ने 2019-20 के लिए 287 रुपए प्रति क्विंटल की दर तय की और फिर 2020-21 के लिए इसे 297 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया लेकिन किसानों को ये दरें भी नहीं मिल रही हैं। सरकार संस्थान द्वारा सुझाई गई दरें भी नहीं लागू कर रही है।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का 12,000 करोड़ रुपए का बकाया आज तक लंबित है लेकिन किसान को उचित दर नहीं मिल रही है और जो भी उन्हें मिलती है, उन पर भुगतान लंबित है। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा और कहा कि क्या वह अपने पूर्ववर्तियों अखिलेश यादव और मायावती से भी कमजोर हैं और उनके जितना भी किसानों के लिए नहीं कर सकते?
 
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने दिशा रवि की रिहाई की मांग की : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की रिहाई की फिर से मांग की। दिशा रवि को शनिवार को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि दिशा रवि ने 2 अन्य संदिग्धों (मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे निवासी इंजीनियर शांतनु) के साथ मिलकर किसानों के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित टूलकिट बनाई और भारत की छवि खराब करने के लिए उसे सोशल मीडिया पर साझा किया।
 
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि हम किसान आंदोलन को कमजोर करने के प्रयासों के तहत सरकार द्वारा पुलिस की ताकत के खुल्लमखुला दुरुपयोग को लेकर बहुत चिंतित एवं दुखी हैं। हम उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना युवा जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किए जाने की आलोचना करते हैं। एसकेएम बिना शर्त उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। 
 

पुलिस ने सोमवार को कहा कि दिशा की गिरफ्तारी के समय सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।  एसकेएम ने दिशा की रिहाई की रविवार को भी मांग की थी। किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन देते हुए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह टूलकिट साझा की थी। टूलकिट में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशा-निर्देश तथा सामग्री होती है। इस बीच एसकेएम ने अपने सभी घटकों से स्वतंत्रता से पूर्व पंजाब प्रांत के प्रमुख राजनीतिज्ञ रहे सर छोटूराम के किसानों के हितों में योगदान को याद करने के लिए मंगलवार को सभाएं आयोजित करने की अपील की। (भाषा)