बड़ी खबर : ऑनलाइन क्लास कोई परमानेंट विकल्प नहीं, CM शिवराज का बड़ा बयान- ठीक ढंग से पढ़ाई के लिए तत्काल खोले जाएंगे हॉस्टल
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के लगातार कम होते एक्टिव केस के बीच प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर बड़ा फैसला किया है। प्रदेश में कोविड-19 के चलते करीब 11 महीने से बंद हॉस्टल को फिर से खोलने का फैसला सरकार ने लिया है।
खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन क्लासेज़ शिक्षा का कोई स्थायी विकल्प नहीं है। हमने तय किया है कि तत्काल अनुसूचित जाति-जनजाति सहित अन्य छात्रावास खोले जाएंगे जिससे बच्चे ठीक ढंग से अपनी पढ़ाई कर सकें।
मुख्यमंत्री ने जनजातीय छात्रावास तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 10वीं तथा 12वीं की बोर्ड तथा महाविद्यालयीन परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावासों का संचालन आरंभ किया जा रहा है। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन अनिवार्य होगा।
42 हजार विद्यार्थी होंगे लाभान्वित : सरकार के इस निर्णय से विद्यालय स्तर के सामान्य छात्रावास और आवासीय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लगभग 34 हजार तथा महाविद्यालयीन स्तर के 8 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। प्रदेश में 1195 सीनियर छात्रावास, 152 महाविद्यालयीन छात्रावास, 126 विशिष्ट संस्थाएं जैसे आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तथा गुरुकुलम विद्यालय जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित हैं।
अभिभावकों की सहमति आवश्यक : कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छात्रावासों में साफ-सफाई, स्वच्छता तथा सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छात्रावासों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को ही रहने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा 9वीं तथा 11वीं के विद्यार्थियों के लिए नहीं होगी। आश्रम, जूनियर छात्रावासों को अभी नहीं खोला जाएगा। छात्रावासों में रहने के लिए अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगी।
नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था : प्रत्येक छात्रावास में पृथक से एक क्वारंटाइन रूम बनाया जाएगा। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए लागू गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए छात्रावास अधीक्षकों का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण कराया जाएगा। प्रत्येक छात्रावास निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र के साथ संबद्ध किया जाएगा।
स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक का मोबाइल नम्बर छात्रावास के सूचना पटल पर लिखा जाएगा। छात्रावासों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था होगी। सभी संभागीय, जिला तथा विकासखंड स्तर के अधिकारियों और प्राचार्यों को छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।