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Last Updated : गुरुवार, 25 नवंबर 2021 (13:14 IST)

Farm Laws Repeal: सरकार और किसान के बीच 12 बार मीटिंग, जानिए पिछले साल अक्‍टूबर से लेकर इस जनवरी तक क्‍या-क्‍या हुआ?

Farm Laws Repeal: सरकार और किसान के बीच 12 बार मीटिंग, जानिए पिछले साल अक्‍टूबर से लेकर इस जनवरी तक क्‍या-क्‍या हुआ? - Farm Laws Repeal, farmer law, kisan bill, kisan andolam
पिछले कई दिनों से चले आ रहे किसान आंदोलन के दौरान सरकार और किसानों के बीच खूब उठापटक से भरा रहा। कई बार विवाद हुए तो कई बार जमकर बयानबाजी हुई। सोशल मीडि‍या में भी इसे लेकर चर्चा और विमर्श चलता रहा। सरकार और किसान के तर्कों को लेकर देश की जनता भी बंटी हुई नजर आई।  

अब जब हाल ही में सरकार ने किसान बिल वापस लेने की घोषणा की है तो सरकार और किसान के बीच यह गतिरोध थमता नजर आ रहा है।

लेकिन इस बीच यह जानना दिलचस्‍प रहेगा कि आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक सरकार और किसान के बीच 12 बार मीटिंग हो चुकी है। लेकिन कभी दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। आइए जानते हैं, सरकार और किसानों के बीच कब-कब क्‍या क्‍या हुआ।

मीटिंग-01
केंद्र सरकार और किसानों के बीच पहली बैठक 14 अक्टूबर 2020 को हुई। इस बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल केंद्र सरकार की तरफ से शामिल हुए। इस पर किसानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। किसानों का कहना था कि वे कृषि मंत्री के साथ बात करेंगे।

मीटिंग-02
13 नवंबर 2020 को दोनों पक्षों के बीच दूसरी बैठक हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे। केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए एक समिति बनाने की बात कही। किसानों ने इसके लिए मना कर दिया। करीब 7 घंटे चली यह बैठक बगैर नतीजा ही खत्‍म हो गई।

मीटिंग-03
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हुई तीसरे दौर की बैठक 1 दिसंबर 2020 को 3 घंटे तक चली। इसमें सरकार ने किसानों को विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की बात कही। किसानों ने इसे नहीं माना।

मीटिंग-04
3 दिसंबर 2020 को चौथी बैठक किसानों और सरकार के बीच हुई। इसमें सरकार ने एमएसपी जारी रखने और कोई छेड़छाड़ न करने का आश्वासन दिया, लेकिन किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की। इसके बाद बैठक बेनतीजा रही।

मीटिंग-05
5 दिसंबर 2020 को दोनों पक्षों के बीच पांचवीं बैठक हुई। किसानों ने फिर कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही, सरकार की तरफ से कोई जवाब न मिलने पर बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला।

मीटिंग-06
8 दिसंबर 2020 को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठी बैठक हुई। इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाम भी शामिल हुए। सरकार ने किसानों को 22 पेज का प्रस्ताव दिया, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया।

मीटिंग-07
किसान और सरकार के बीच सातवीं बैठक 30 दिसंबर 2020 को हुई। केंद्र सरकार ने इस बैठक में विद्युत संशोधन अधिनियम 2020 को निरस्त करने और पराली के नाम पर किसानों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के प्रावधान को वापस लेने की बात कही लेकिन किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद्द पर अड़े रहे।

मीटिंग-08
आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक 4 जनवरी 2021 को हुई। किसानों ने एक बार फिर तीनों कानूनों को वापस लेने की बात कही, पर सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई

मीटिंग-09
बैठक का दौर 8 जनवरी 2021 को भी हुआ। इस बार किसान ज्यादा आक्रमक नजर आए और कानून वापसी के अलावा किसी भी बात पर तैयार नहीं हुए। किसानों ने साफ कहा कि या तो जीतेंगे या मरेंगे।

मीटिंग-10
केंद्र सरकार और किसान संगठन एक बार फिर कोई समाधान निकालने के लिए 15 जनवरी 2021 को एकसाथ आए, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे और कोई रास्ता नहीं निकला।

मीटिंग-11
20 जनवरी 2021 को केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को डेढ़ से 2 साल के लिए निलंबित करने और कानून पर फिर से विचार करने की बात कही। इसके बाद अगली बैठक बुलाई गई।

मीटिंग-12
किसान और केंद्र सरकार 22 जनवरी 2021 को 12वीं बार बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में किसानों ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया जो पिछली बैठक में दिया गया था।
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