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Last Updated : गुरुवार, 7 जनवरी 2021 (01:31 IST)

सरकार के साथ बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन, निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

सरकार के साथ बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन, निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च - Demonstration of farmers power before talks with the government
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों की तादाद में दिल्ली और इसकी सीमाओं के आसपास प्रदर्शन कर रहे किसानों का गुरुवार को 43वां दिन है। 8 जनवरी को केन्द्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत होने जा रही है, उस बातचीत से एक दिन पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान गुरुवार यानी आज अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। किसानों की तरफ से आज सुबह 11 बजे सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर (हरियाणा-राजस्थान सीमा) से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।

बोरिस जॉनसन की यात्रा रद्द होने को बताया जीत : नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दावा किया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा रद्द होना उनके (प्रदर्शनकारी किसानों के) लिए एक ‘राजनीतिक जीत’ और सरकार की ‘कूटनीतिक हार’है। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि उनके प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिल रहा है।

जॉनसन मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन उन्होंने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप (स्ट्रेन) से संक्रमण के मामले सामने आने के बाद बढ़ते स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा रद्द होना किसानों के लिए एक राजनीतिक जीत और (नरेंद्र)मोदी सरकार के लिए कूटनीतिक हार है...दुनियाभर के राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन (किसानों के) आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की पहले ही घोषणा की है और इसका ‘पूर्वाभ्यास’ 7 जनवरी को किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इन सभी प्रयासों के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की यात्रा का रद्द होना किसानों के लिए बड़ी जीत है।

80 किसानों की मौत : प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से करीब 80 किसानों की मौत हो चुकी है। उन्होंने इन किसानों को ‘शहीद’ करार दिया। मोर्चा ने एक बयान में कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन रहा है। इस बीच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने एक बयान में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की मांग को लेकर ‘गंभीर नहीं’ है।

उसने कहा कि केंद्र सरकार वार्ता करने और किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर नहीं है। उसने सातवें दौर की वार्ता में आखिरकार स्पष्ट रूप से कहा कि वह (सरकार) समझ गई है कि किसान कानून रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं तथा इसलिए उसे आगे और भी परामर्श करना होगा।

ट्रैक्टर परेड के लिए महिलाओं की ट्रेनिंग : हरियाणा के जींद जिले में कई ग्रामीण महिलाएं ट्रैक्टर चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में ‘ट्रैक्टर परेड’ में हिस्सा लेने वाली हैं।

जींद जिले के साफा खेरी, खतकर और पल्लवन गांव की महिलाएं टैक्टर चलाना सीख रही हैं। महिलाएं सड़क पर टैक्टर-ट्रॉली चलाने का प्रशिक्षण जींद-पटियाला के टोल प्लाजा पर ले रही हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने टोल प्लाजा को 'नि:शुल्क' घोषित कर दिया है।
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