आखिर किसान क्यों कर रहे हैं भारत बंद? सड़कों पर लंबा जाम, ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित, आमजन त्रस्त
नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान संगठन की तरफ से 27 सितंबर 2021 बुलाए गए 'भारत बंद' को अधिकतर विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। केंद्र सरकार के तीन खेती कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है।
किसान नेताओं ने 6 बजे से शाम 4 बजे तक सभी सरकारी और निजी दफ्तरों, संस्थानों, बाजारों, दुकानों और उद्योगों को बंद रखने की अपील की है। कई राज्यों में बंद के कारण ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। किसानों के इस बंद से आमजन परेशान हो रहा है। किसानों और सरकार के बीच खींचतान का खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है।
पिछले वर्ष नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों की सरकार से कई दौर की बातचीत हुई मगर नतीजा कुछ नहीं निकला। सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठन पहले भी 'चक्का जाम' और 'भारत बंद' कर चुके हैं। हालांकि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध जल्द समाप्त होता नहीं दिख रहा। किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बयान में कहा कि एंबुलेंस, डॉक्टर और आपातकालीन कारण से यात्रा करने वालों को गुजरने दिया जाएगा।
हमने कोई रास्ता सील नहीं किया है। हम केवल एक संदेश देना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अभी अपनी दुकानें बंद रखें और 4 बजे के बाद खोलें। टिकैत ने कहा कि पिछले 10 महीने से केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान दस वर्षों तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। टिकैत ने केंद्र सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया।
मिल रहा है अभूतपूर्व समर्थन : संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन में शामिल स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि आज के भारत बंद को अधिकांश राज्यों से अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है। यादव ने कहा कि किसान जगह -जगह शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में किसानों का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है।
वे किसान मोर्चे के शांतिपूर्ण 'भारत बंद' आह्वान का पालन करते हुए देश के विभिन्न क्षेत्रों में जगह- जगह धरने -प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा कई जगहों सड़क एवं रेल मार्गों पर प्रदर्शन तथा धरना देकर यातायात बाधित करने की खबरें मिली हैं। पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हवाई अड्डे के बाहर किसान धरने पर बैठे हैं। पंजाब के गुरूदासपुर में कई स्थानों पर यातायात बाधित करने की सूचना है। यादव ने एक बार फिर कृषि कानूनों को जनविरोधी करार देते हुए इसे देश हित में तत्काल वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक किसानों के आंदोलन जारी रहेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा इस बात पर एकमत हैं।
बंद से आमजन परेशान : लालकिले एवं इंडिया गेट के आसपास के गुजरने वाले राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के लाल किला के पास में अक्सर गुजरने वाले मॉडल टाउन निवासी अशोक कुमार और दिलीप सिंह समेत कई कई लोगों ने बताया कि सड़क मार्ग अवरुद्ध किए जाने के बारे में पहले कोई सूचना नहीं दी गई थी। यातायात पुलिस को इस बारे में पहले सूचना देनी चाहिए थी।