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डोल ग्यारस 2022 : जानिए क्या हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, उपाय और मंत्र

डोल ग्यारस 2022 : जानिए क्या हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, उपाय और मंत्र - kab hai dol gyaras n jal jhulni ekadashi 2022
Dol Gyaras 2022
 
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी कहते हैं। इसके अलावा इसे जलझूलनी, पद्मा एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन डोल ग्यारस का त्योहार भी मनाते हैं, सनातन धर्म में भाद्रपद की इस एकादशी तिथि का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व कहा गया है, क्योंकि इसी दिन परिवर्तनी एकादशी या डोल ग्यारस पर्व मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का श्रृंगार करके एक विशेष डोल तैयार किया जाता है। इस बार यह पर्व 6 सितंबर 2022, मंगलवार को मनाया जा रहा है। आगे पढ़ें... 

डोल ग्यारस / एकादशी मुहूर्त-Ekadashi Muhurat 
 
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 6 सितंबर 2022 को सुबह 05.54 मिनट से 7 सितंबर 2022 को देर रात्रि 03.04 मिनट तक। 
 
एकादशी पूजा-विधि- Ekadashi Worship
 
डोल ग्यारस के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
यदि संभव हो तो व्रत रखें।
भगवान विष्णु तथा श्री कृष्ण का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
आरती करें। 
तुलसी के साथ सात्विक चीजों का भोग लगाएं। 
इस दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण का अधिक से अधिक ध्यान तथा उनके मंत्रों का जाप करें।
 
Ekadashi Katha-कथा- त्रेतायुग में बलि नामक एक दैत्य था, उसने इंद्र से द्वेष के कारण इंद्रलोक तथा सभी देवताओं को जीत लिया। इस कारण सभी देवता एकत्र होकर भगवान के पास गए और नतमस्तक होकर वेद मंत्रों द्वारा भगवान का पूजन और स्तुति करने लगे। अत: श्रीकृष्ण ने वामन रूप धारण करके पांचवां अवतार लिया और फिर अत्यंत तेजस्वी रूप से राजा बलि को जीत लिया।
 
तब बलि से तीन पग भूमि की याचना करते हुए उससे तीन पग भूमि देने का संकल्प करवाया और अपने त्रिविक्रम रूप को बढ़ाकर एक पद से पृथ्वी, दूसरे से स्वर्गलोक पूर्ण कर लिए। अब तीसरा पग रखने के लिए राजा बलि ने अपना सिर झुका लिया और पैर उसके मस्तक पर रख दिया जिससे वह पाताल चला गया। 
 
आज के उपाय-Ekadashi Upay
 
1. पूजन के समय श्री विष्णु के सामने कुछ सिक्के रखें। पूजन के बाद सिक्कों को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर पर्स या तिजोरी में हमेशा रखें। यह उपाय धन आगमन के साथ ही स्थिरता भी देगा।
 
 
2. यदि बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा हैं या कर्ज नहीं उतर रहा है तो एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में शकर डालकर जल अर्पित करें और शाम के समय पीपल के नीचे दीया लगाएं।
 
3. आर्थिक लाभ के लिए इस भगवान विष्णु के मंदिर में 1 साबुत श्रीफल और 125 ग्राम साबुत बादाम चढ़ाएं।
 
4. एकादशी की रात्रि में घर में अथवा श्री विष्णु मंदिर जाकर श्रीहरि के सामने 9 बत्तियों वाला दीया जलाएं, दीया बड़ा लें ताकि वो रात भर जलता रहे। इस उपाय से आर्थिक प्रगति, ऋण चुकता होगा तथा जीवन में सुख-सौभाग्य और समद्धि आएगी। 
 
5. विवाह न हो रहा हो तो वे लोग इस एकादशी पर श्री विष्णु का पीले फूलों से श्रृंगार करके, सुगंधित चंदन लगाए तथा बेसन की मिठाई का भोग लगाएं। विवाह योग शीघ्र बनेंगे। 
 
6. ग्यारस के दिन दही एवं चांदी का दान करें, यह उत्तम फलदायी होगा। 
 
7. इस दिन विष्णु सहस्रनाम, श्री कृष्ण चालीसा एवं कृष्‍ण नामों का जाप करना चाहिए।
 
8. इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन अवश्य करें, इससे धन की कमी दूर होगी।
 
 
मंत्र-Ekadashi Mantra 
 
- ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम
- ॐ विष्णवे नम:
- कृं कृष्णाय नमः
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। 
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ क्रीं कृष्णाय नमः

 
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