शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. एकादशी
  4. Jaya Ekadashi vrat puja vidhi and daan
Written By
Last Modified: शनिवार, 12 फ़रवरी 2022 (10:55 IST)

आज जया एकादशी है, कैसे करें पूजा और व्रत, क्या करें दान

आज जया एकादशी है, कैसे करें पूजा और व्रत, क्या करें दान - Jaya Ekadashi vrat puja vidhi and daan
माघ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी  को जया (Jaya Ekadashi) और भीष्म एकादशी कहते हैं। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार एक बार इंद्रलोक की अप्सरा को श्राप के कारण पिशाच योनि में जन्म लेना पड़ा, तब उससे मुक्ति के लिए उसने जया एकादशी का व्रत किया तब उसे भगवान विष्णु की कृपा से पिशाच योनि से मुक्ति मिली तथा इंद्रलोक में स्थान प्राप्त हो गया था। इसीलिए इस एकादशी को स्वर्ग में स्थान दिलाने वाली मानी गई है। आओ जानते हैं पूजा विधि, व्रत का महत्व और दान।
 
 
पूजा विधि:
- एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके श्री विष्‍णु का ध्‍यान करें। 
- तत्पश्चात व्रत का संकल्‍प लें। 
- फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्‍णु की प्रतिमा स्‍थापित करें। 
- एक लोटे में गंगा जल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलाएं।
- अब इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें।
- फिर इसी लोटे से घट स्‍थापना करें। 
- अब भगवान विष्‍णु को धूप, दीप दिखाकर उन्‍हें पुष्‍प अर्पित करें।
- अब एकादशी की कथा का पाठ पढ़ें अथवा श्रवण करें। 
- शुद्ध घी का दीया जलाएं तथा विष्‍णु जी की आरती करें।
- तत्पश्चात श्रीहरि विष्‍णु जी को तुलसी दल और तिल का भोग लगाएं। 
- विष्‍णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- शाम के समय भगवान विष्‍णु जी की पूजा करके फलाहार करें।
- अगले दिन द्वादशी तिथि को योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें। 
- इसके बाद स्‍वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें। 
 
 
व्रत :
 
- धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन व्रत और उपवास रखने का बहुत महत्व है।
 
- यह व्रत आरोग्‍य, सुखी दांपत्‍य जीवन तथा शांति देने वाला माना गया है, अत: इस दिन सच्चे मन से उपवास रखकर श्री विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
 
- इस दिन व्रत करने से मनुष्य ब्रह्म हत्यादि पापों से छूट कर मोक्ष को प्राप्त होता है और इसके प्रभाव से भूत, पिशाच तथा बुरी योनियों, पाप आदि से मुक्त हो जाता है। 
 
- यह एकादशी 1000 वर्ष तक स्वर्ग में वास करने का फल देती है। 
 
- इस एकादशी व्रत पर विधि-विधान से पूजन करने से जीवन में खुशहाली आती है। 
 
- व्रत करने के दूसरे सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर इस व्रत का पारण करें। हालांकि इस बात ध्यान रखें कि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व पारण कर लें।
 
दान :
 
- पूजा के बाद इस दिन जरूरतमंद ब्राह्मणों एवं गरीबों को दान करें।
 
- इस दिन असहाय लोगों की सहायता करें और यथाशक्ति उन्हें दान करें।
 
- दान में अन्न दान, वस्त्र दान, गुड़-तिल दान, पांच तरह के अनाज, घी और आटा दान करना चाहिए। 
ये भी पढ़ें
जया एकादशी पर शनि पूजन के मिलेंगे 10 लाभ, 5 राशियों पर है शनि भारी