केजरीवाल का सवाल, उर्दू में लिखी टोपी से दिक्कत क्यों...
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में कूदने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को भी शायद यह लगने लगा है कि केवल इस मुद्दे पर उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकती। इसिलिए वह भी अब मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मराठी टोपी, बांग्ला टोपी या तमिल टोपी से किसी को दिक्कत नहीं होती, लेकिन उर्दू में लिखी टोपी पहनते ही हंगामा खड़ा हो जाता है। उन्होंने सवाल किया कि कि समस्या उर्दू में लिखी टोपी में है या कुछ लोगों के दिलो-दिमाग में?हिंदी समाचार चैनल एबीपी न्यूज के एक कार्यक्रम 'घोषणापत्र' में उन्होंने कहा कि वह मुबई गए तो किसी ने उनसे सिर पर एक टोपी डाल दी जिस पर मराठी में लिखा था 'मैं आम आदमी हूं'। वह दो दिनों तक वही टोपी पहने घूमते रहे, मगर कोई सवाल नहीं उठा।उन्होंने कहा कि इस तरह बांग्ला, तमिल आदि भाषाओं वाली टोपी पर भी किसी ने कोई सवाल नहीं किया। मगर दिल्ली में जंतर मंतर पर जब किसी ने उनके सिर पर उर्दू में लिखी ऐसी ही टोपी डाल दी तो मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगने लगे। उन्होंने सवाल किया कि समस्या उर्दू में लिखी टोपी में है या कुछ लोगों के मन में?उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को बरेली में ‘इत्तेहाद-ए- मिल्लत काउंसिल’ (आइएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुसलमानों में बरेलवी संप्रदाय के मौलाना तौकीर रजा से भी मुलाकात की थी। (एजेंसी)