HIGHLIGHTS
• शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को हुई थी।
• शिवाजी महाराज के जीवन की रोचक बातें।
• छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़े रोचक किस्से।
Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi 2024: 1. आज मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1627 को शिवनेरी (महाराष्ट्र) में एक मराठा परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। वे बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। बालपन में ही राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा लेने वाले शिवाजी कई कलाओं में माहिर थे। बचपन में वे अपनी आयु के बालकों को एकत्रित करके सबके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने के खेल खेलते थे। युवावस्था में आते ही उनका यही खेल, वास्तविक कर्म बना और शत्रुओं पर आक्रमण करके शिवाजी उनके किले आदि जीत कर उन्हें परास्त करने लगे।
2. छत्रपति शिवाजी माता तुलजा भवानी के उपासक थे, जो उनकी कुलदेवी थीं। महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले का एक ऐसा स्थान जिसे तुलजापुर के नाम से जाना जाता है, वहीं पर छत्रपति शिवाजी महाराज की कुलदेवी मां तुलजा भवानी स्थापित हैं, जो आज भी कई परिवारों की कुलदेवी के रूप में प्रचलित हैं। मान्यतानुसार खुद देवी मां ने प्रकट होकर शिवाजी को तलवार प्रदान की थी। शिवाजी महाराज उन्हीं की उपासना करते थे।
3. भारत में पहली बार गुरिल्ला युद्ध का आरंभ भी छत्रपति शिवाजी ने ही किया था। कहा जाता है कि गुरिल्ला युद्ध एक प्रकार का छापामार युद्ध है। मोटे तौर पर छापामार युद्ध अर्द्धसैनिकों की टुकड़ियों अथवा अनियमित सैनिकों द्वारा शत्रु सेना के पीछे या पार्श्व में आक्रमण करके लड़े जाते हैं। उन्हें भारतीय नौसेना का जनक भी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही नौसेना भी तैयार की थी।
4. भारतीय इतिहास में 6 जून का दिन बहुत महत्व रखता हैं, क्योंकि इसी दिन यानी 6 जून 1674 को छत्रपति शिवाजी महाराज युद्ध में मुगलों को परास्त कर लौटे थे तथा मराठा शासक के रूप में उनका राज्याभिषेक हुआ था। वे एक ऐसे महान भारतीय शासक हैं जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था, अत: उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता सेनानी भी स्वीकार किया जाता है। शिवाजी महाराज आज भी भारत के सच्चे वीर सपूतों में से एक माने जाते हैं।
5. भारत के शूरवीरों में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम प्रमुखता से लिया जाता है, क्योंकि वे एक बुद्धिमान, बहादुर, शौर्यवीर और दयालु शासक थे। उनका निधन 03 अप्रैल 1680 को बीमार होने पर हो गया था, हालांकि उनकी मौत के कारण को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। ऐसे महान पराक्रमी छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन।
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