नोटबंदी पर रतन टाटा का बयान, गरीबों को रही है परेशानी
टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही तकलीफ पर चिंता व्यक्त की है। टाटा ने नए नोट मुहैया कराने की सरकार की कोशिशों की तारीफ तो की लेकिन साथ ही ये सलाह भी दी है कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए मौजूदा हालात में वैसे कदम उठाने चाहिए जो आमतौर पर राष्ट्रीय आपदा की हालत में उठाए जाते हैं। इससे लोगों में संदेश जाएगा कि सरकार को उनकी चिंता है।
टाटा ने कहा कि आम जनता को मेडिकल इमरजेंसी के वक्त, सर्जरी और इलाज के वक्त नोटबंदी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गरीबों को अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए नकदी की दिक्कत से जूझना पड़ रहा है और खाने-पीने तक के लिए पैसे की परेशानी हो रही है।
रतन टाटा ने आगे कहा कि वैसे तो सरकार नए करेंसी नोटों को मुहैया कराने की पूरी कोशिशें कर रही हैं, लेकिन गरीबों तक इन्हें पहुंचाने के लिए सरकार को खास इंतजाम करने चाहिए थे। खासकर हेल्थकेयर सेगमेंट के लिए और छोटे अस्पतालों के लिए सरकार को कुछ विचार रखना चाहिए था क्योंकि वहां कैश की सबसे ज्यादा दिक्कत गरीबो को हो रही है।
सरकार को नोटबंदी के इस महत्वपूर्ण फैसले को लागू करने के तरीकों पर अपने विचार लिखते हुए रतन टाटा ने लिखा है कि अगर सरकार गरीबों को आने वाली दिक्कतों के बारे में न भूलते हुए कुछ बड़े कदम उठाती तो इस फैसले को काफी समर्थन मिलता।