डेबिट कार्ड पर शुल्क में कटौती पर आरबीआई की चेतावनी
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने को लेकर उत्साहित केंद्र सरकार डेबिट, क्रेडिट कार्ड से लेन-देन पर वसूले वाले प्रभार को कम करना चाहती है। इसे लेकर पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक, केंद्रीय मंत्रियों व सरकारी अधिकारियों के बीच कई बार बैठक हुई। बैठक में सरकार ने कहा है कि वह मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को 31 मार्च 2017 तक के लिए या तो हटा दे या फिर बहुत कम कर दे।
गौरतलब है कि एमडीआर वह रेट होती है जो बैंक कार्ड सर्विस देने के बदले बैंक वसूलता है। अब डिजीटल ट्रांजेक्शन में लगी कंपनियां डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पर चार्ज कम देना चाहती हैं जबकि पहले उनका कहना था कि यह कुछ अधिक है, लेकिन कारोबार बढ़ने के साथ-साथ चार्ज कम करने के प्रस्ताव पर रिजर्व बैंक ने सवाल उठाए है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने इस प्रस्ताव को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे बैंकों के कारोबार पर विपरीत असर पड़ सकता है।
एसबीआई और आईसीआईसीआई जैसे बैंकों ने भी इस प्रस्ताव को लेकर असहमति जाहिर की है। इस मामले में इकॉनॉमिक टाइम्स लिखता है। गांधी ने कहा कि चार्ज में कटौती का फैसला बैंकों पर पड़ने वाली लागत को ध्यान में रखकर लेना चाहिए। सरकार एक और दो हजार रुपए से नीचे के ट्रांजेक्शन पर चार्ज को कम करना चाहती है। वर्तमान में इस तरह के ट्रांजेक्शन पर 75 से 100 बेसिस पॉइंट के हिसाब से चार्ज लिया जाता है।