न्यूजीलैंड विश्वकप जीतने से बस एक उलटफेर दूर
न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में जगह बनाई । इससे पहले 2015 के क्रिकेट विश्वकप में भी न्यूजीलैंड ने फाइनल तक का सफर बिना एक मैच हारे तय किया था।
इंग्लैंड 27 सालों के बाद फाइनल में पहुंचा है। 1979, 1987 में भी उसने फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन चैम्पियन नहीं बन पाया। अंतिम बार उसने 1992 में फाइनल में जगह बनाई थी, जहां इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान टीम ने उसे चैम्पियन बनने से महरूम कर दिया था।
विलियम्सन की कप्तानी में न्यूजीलैंड टीम ने भी विश्वकप अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन एक समय ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद वह पटरी से उतर लय खो बैठी। अंतत: उसने चौथे नंबर पर रहकर 11 अंकों के साथ उसने अंतिम चार में जगह बनाई। टीम के लिए राहत की बात रही कि पाकिस्तानी टीम उससे रनरेट में पिछड़ गई जिसके उसी के समान 11 अंक थे।
न्यूजीलैंड की टीम भी यदि अपने तेज़ गेंदबाज़ों के भरोसे उतरेगा तो ट्रेंट बोल्ट (17 विकेट) और फिट हो चुके तेज़ गेंदबाज़ लॉकी फग्यूर्सन (18 विकेट) अहम होंगे जिनके निशाने पर इंग्लैंड के शीर्ष तीन बल्लेबाज़ होंगे।
कीवी टीम रनों के लिए भी अपने कप्तान विलियम्सन पर सबसे अधिक निर्भर दिखती है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ शतकीय पारियां खेलीं और भारत के खिलाफ अर्धशतक बनाया था । कुल 481 रनों के साथ वह कीवी टीम के शीर्ष स्कोरर हैं। विलियम्सन को छोड़ दें तो कीवी टीम की बल्लेबाज़ी काफी कमजोर है और रॉस टेलर (335 रन) तथा जिम्मी नीशम (213 रन) ही अन्य शीर्ष स्कोरर हैं।
न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी कमजोरी सलामी बल्लेबाजी (मार्टिल गुप्टिल और हेनरी निकल्स) अगर आड़े नहीं आती है तो न्यूजीलैंड मेजबान को फाइनल में बेजुबान करने की ताकत रखता है।