WHO ने बताया, किन देशों में मिला ओमिक्रॉन...
संयुक्त राष्ट्र/ जिनेवा। कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप, उसके डेल्टा स्वरूप से तेजी से आगे निकल रहा है और पूरी दुनिया में इस स्वरूप से संक्रमण के मामले अब ज्यादा सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में आगाह किया है।
वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी ने चेताया है कि इस बात के साक्ष्य बढ़ रहे हैं कि ओमिक्रॉन प्रतिरक्षा शक्ति से बच निकल सकता है लेकिन अन्य स्वरूपों की तुलना में इससे बीमारी की गंभीरता कम है। डब्ल्यूएचओ में संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी एवं कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने मंगलवार को कहा कि कुछ देशों में ओमिक्रॉन को डेल्टा पर हावी होने में समय लग सकता है, क्योंकि यह उन देशों में डेल्टा स्वरूप के प्रसार के स्तर पर निर्भर करेगा।
केरखोव ने ऑनलाइन प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा कि ओमिक्रॉन उन सभी देशों में मिला है, जहां जीनोम अनुक्रमण की तकनीक अच्छी है और संभवत: यह दुनिया के सभी देशों में मौजूद है। यह फैलने के लिहाज से बहुत तेजी से डेल्टा से आगे निकल रहा है और इसलिए ओमिक्रॉन हावी होने वाला स्वरूप बन रहा है जिसके मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने इस बारे में भी आगाह किया कि डेल्टा स्वरूप की तुलना में भले ही ओमिक्रॉन से बीमारी के कम गंभीर होने को लेकर कुछ जानकारियां हैं, लेकिन यह हल्की बीमारी नहीं है, क्योंकि ओमिक्रॉन के चलते भी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ ही रही है।
डब्ल्यूएचओ की तरफ से जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक 3 से 9 जनवरी वाले सप्ताह में विश्वभर में कोविड के 1.5 करोड़ नए मामले सामने आए, जो उससे पहले के सप्ताह की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक हैं, जब करीब 95 लाख मामले आए थे। पिछले सप्ताह करीब 43,000 मरीजों की मौत के मामले सामने आए थे। 9 जनवरी तक कोविड-19 के 30.40 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके थे और 54 लाख से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी थी।