कोरोना से जंग, 20 से ज्यादा देशों के 1.2 खरब लोगों को चाहिए स्पूतनिक-वी वैक्सीन
मॉस्को। कोरोनावायरस (CoronaVaccine) के बढ़ते कहर को देखते हुए दुनियाभर में रूस के कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (sputnik v) की मांग बढ़ रही है। कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ तीसरे चरण के क्लीनिक ट्रायल में चल रही ‘स्पूतनिक -वी’ वैक्सीन के लिए विश्व के अनेक देशों ने 1.2 अरब खुराक की मांग की है।
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के प्रमुख किरिल डिमित्रिव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 20 से अधिक देशों ने स्पूतनिक वी वैक्सीन की 1.2 अरब खुराक की मांग की है।
रूस ने कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने के लिए इच्छुक देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एक वर्चुअल सम्मेलन का आह्वान किया है। रूस का संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को कोरोना की रूसी वैक्सीन निशुल्क देने का भी प्रस्ताव है।
रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन का पंजीयन कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। यह वैक्सीन संभवत: अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
रूस के गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘स्पूतनिक-वी सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी जायेगी। इस वैक्सीन का उत्पादन संयुक्त रूप से आरडीआईएफ द्वारा किया जा रहा है।
स्पूतनिक वी के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और भारत में भी इसके ट्रायल और वितरण के लिए डॉ. रेड्डी लेबोरेटरिज से समझौता हुआ है। इसका अंतिम चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू होना है।
हाल ही में रूस के सोवरेन वेल्थ फंड ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरिज के साथ स्पूतनिक वी वैक्सीन के भारत में क्लिनिकल ट्रायल में सहयोग और वितरण के लिए समझौता किया है।