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Last Updated : सोमवार, 28 जून 2021 (21:03 IST)

6.29 लाख करोड़ रुपए के 'प्रोत्साहन पैकेज' का हुआ ऐलान, जानिए किसको मिलेगा कितना...

6.29 लाख करोड़ रुपए के 'प्रोत्साहन पैकेज' का हुआ ऐलान, जानिए किसको मिलेगा कितना... - Rs 6.29 lakh crore stimulus package to give relief to the economy
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की।

संगठित क्षेत्र में नई भर्तियों के प्रोत्साहन के लिए पिछले साल अक्टूबर में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की समयसीमा को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके तहत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि के अंशदान में मदद करती है।

वित्तमंत्री ने कोविड महामारी से दबाव में आए स्वास्थ्य ढांचा सहित अन्य क्षेत्रों के लिए एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए की ॠण गारंटी योजना की घोषणा की। वहीं पिछले साल मई में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई आपात ॠण गारंटी योजना का आकार 1.50 लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर 4.50 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। इस योजना के तहत गारंटी और ॠण सीमा को मौजूदा बकाए के 20 प्रतिशत के स्तर से आगे बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।

वित्तमंत्री ने अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान के लिए इस नए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा ऐसे समय की है जब इस वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल और मई माह के दौरान कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने आम आदमी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को झकझोरकर रख दिया है। इस दौरान खासतौर से चिकित्सा सुविधाओं का अभाव, ऑेक्सीजन की कमी और दवाओं की उपलब्धता को लेकर समस्याएं सामने आईं।

यही वजह है कि वित्तमंत्री ने नए प्रोत्साहन पैकेज में स्वास्थ्य क्षेत्र में मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने और नई परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 50,000 करोड़ रुपए की ॠण गारंटी योजना की घोषणा की है। इस योजना में मुख्य तौर पर कम सुविधाओं वाले और पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया गया है।

इसमें अधिकतम 100 करोड़ रुपए तक का कर्ज होगा और तीन साल की गारंटी अवधि होगी। यह कर्ज 7.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाएगा। वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों के लिए 60,000 करोड़ रुपए की ॠण गारंटी दी जाएगी जिसमें 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर ॠण उपलब्ध होगा।

वित्तमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बच्चों और बाल चिकित्सा, चिकित्सा बिस्तरों के साथ अल्पकालिक आपात तैयारियों पर केन्द्रित नई योजना के तहत एक साल के लिए 23,220 करोड़ रुपए की घोषणा की है। इसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 15,000 करोड़ रुपए का होगा। इसके तहत चिकित्सा, नर्सिंग छात्रों के जरिए चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने, उप-जिला, जिला, केन्द्रीय स्तर पर आईसीयू बिस्तरों और ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

वित्तमंत्री ने बताया कि आपात ॠण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में अब तक 1.1 करोड़ इकाइयों को 2.69 लाख करोड़ रुपए का कर्ज वितरित किया जा चुका है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों, 25 निजी क्षेत्र के बैंकों और 31 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने कर्ज उपलब्ध कराया है। योजना के तहत अब कुल ॠण गारंटी सीमा को मौजूदा तीन लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।

वित्तमंत्री ने छोटे कर्ज के लिए सूक्ष्म वित्त संस्थानों के जरिए प्रति लेनदार 1.25 लाख रुपए तक के कर्ज के लिए बैंकों को ॠण गारंटी देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 25 लाख छोटे ग्राहकों को कर्ज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके लिए सरकार ने बैंकों से कर्ज की सीमांत लागत (एमसीएलआर) दर से दो प्रतिशत अधिक की ब्याज दर तय की है। योजना के तहत बैंक एनबीएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को कर्ज उपलब्ध कराएंगे जिसे आगे छोटे लेनदारों को दिया जाएगा। योजना पर चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खजाने से 7,500 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है।

सीतारमण ने पर्यटन में 11 हजार से अधिक पंजीकृत पर्यटक गाइडों, ट्रैवल और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों के लिए वित्तीय समर्थन की घोषणा की है। ट्रैवल और टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स (टीटीएस) के लिए दस लाख रुपए तक के कर्ज पर शत प्रतिशत गारंटी दी जाएगी जबकि लाइसेंसधारी यात्री गाइडों को एक लाख रुपए तक के कर्ज पर सरकार गारंटी देगी।

योजना को पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा। वहीं वित्तमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र के प्रोत्साहन के वास्ते पाबंदियां समाप्त होने के बाद शुरू में दिए जाने वाले पांच लाख वीजा बिना शुल्क जारी करने की घोषणा की है। नि:शुल्क वीजा से सरकारी खजाने पर 100 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने का अनुमान है।

रोजगार के मोर्चे पर उद्योगों को नए रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ अब 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध होंगे। योजना के तहत 1,000 तक कर्मचारी वाले प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारी को रोजगार देने पर उनके भविष्य निधि में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की ओर से वेतन के कुल मिलाकर 24 प्रतिशत भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।

वहीं एक हजार से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों में कर्मचारी के 12 प्रतिशत का योगदान सरकार द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत 18 जून 2021 तक 79,577 प्रतिष्ठानों में 21.42 लाख लाभार्थियों को 902 करोड़ रुपए का लाभ उपलब्ध कराया जा चुका है।

कृषि क्षेत्र में सरकार ने किसानों को उर्वरकों की सस्ते दाम पर उपलब्धता बनाए रखने के लिए इस साल के बजट में आवंटित 42,275 करोड़ रुपए के ऊपर 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसमें डाय-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) के लिए 9,125 करोड़ रुपए और एनपीके के लिए 5,650 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी शामिल है।

कोरोना काल में जब कई लोगों का रोजगार छिन गया ऐसे समय में सरकार ने उन्हें मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कलयाण अन्न योजना की घोषणा की है। ये योजना पिछले साल 26 मार्च को शुरू की गई थी। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों को पांच किलो अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।
पिछले साल योजना को नवंबर 2020 तक लागू रखा गया था। इस साल भी कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर इसे मई से शुरू कर नवंबर तक लागू रखने का फैसला किया गया है। मुफ्त खाद्यान्न वितरण पर इस साल 93,869 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जबकि पिछले साल और इस साल योजना से कुल मिलाकर 2,27,841 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा।
वित्तमंत्री ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) के तहत परियोजना निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 33,000 करोड़ रुपए की गारंटी योजना की घोषणा की है। इसके तहत एनईआईए अगले पांच साल के दौरान अतिरिक्त 33,000 करोड़ रुपए के परियोजना निर्यात की गारंटी दे सकेगी। इसके साथ ही निर्यात बीमा कवर देने के लिए निर्यात ॠण गारंटी निगम (ईसीजीसी) में पांच साल के दौरान इक्विटी डालने का प्रस्‍ताव है जिससे निर्यात बीमा कवर में 88,000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
देश में प्रत्‍येक ग्रामसभा को भारत नेट के जरिए ब्रांडबैंड सुविधा से जोड़ने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर काम किया जाएगा। इस योजना पर 2021- 22 से लेकर 2022-23 तक 19,041 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। वित्तमंत्री ने इसके साथ ही बड़े स्तर के इलेक्ट्रानिक विनिर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन की अवधि का भी विसतार किया है।

इसके अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम का पुनरूत्थान करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषि, खरीद, प्रसंस्करण और विपणन ढांचे को बेहतर बनाया जाएगा। इसके तहत क्षेत्र के किसानों को उनकी उपज का 10 से 15 प्रतिशत अधिक मूल्य दिलाने के उपाय किए जाएंगे।(भाषा)
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