प्रदेश के विभिन्न जिलों से मिली जानकरी के अनुसार बुधवार को दिन भर राज्य के शहरों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोगों ने कोरोना वायरस को ठेंगा दिखाते हुए सड़कों पर जाने से परहेज किया और 'कोरोना' मतलब 'कोई रोड पर ना निकले' का पालन किया। प्रदेश के कुछ इलाकों में जहां लोग दिखाई दिए, वहां पर पुलिस ने उन्हें घरों में भेजकर सुरक्षित रहने की नसीहत दी।

जयपुर में पूरे दिन लॉकडाउन का सकारात्मक असर देखने को मिला। जयपुर के बाजार, गली मोहल्ले, कॉलोनियां, सड़कें, मॉल, पार्क इत्यादि वीरान रहे एवं जयपुर के सभी वाशिंदों ने घर में ही रहकर कोरोना को भगाने एवं मात देने का निर्णय लिया।
जयपुर में कल्याण जी का रास्ता के निवासी विनोद भूखमारिया ने मोदी के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार की ओर से सही समय पर भारत संपूर्ण लॉकडाउन से कोरोना का संक्रमण तो रुकेगा ही इसके साथ ही यह निर्णय लाखों भारतीयों की जान बचाएगा। मैं उन्हें दिल से सैल्यूट करता हूं।
जयपुर में चांदपोल, छोटी चोपड़, बड़ी चोपड़, बापू बाजर, रामबाग सर्किल, नेहरू बाजार, हवामहल रोड, शास्त्री नगर, वैशाली नगर, मानसरोवर, टोंक फाटक, ज्वाहर नगर, बजाज नगर, जेएलएन मार्ग सहित जयपुर की गलियों, चौराहों, मुख्य मार्गों, कॉलोनियों, पार्कों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, कल्याण मंदिर, ताड़केश्वर जी, चमात्केश्वर सहित सभी मंदिरों के पट भी बंद रहे।

अजमेर में रामगंज, शास्त्रीनगर, ब्यावर रोड, मुख्य नया बाजार, कचहरी रोड, जीपीओ रोड, माकरवाली रोड, मदार गेट, जाटियावास सहित पूरा अजमेर संपूर्ण सभी लोगों ने घरों से बाहर नहीं निकलने का निर्णय लिया। साथ ही सभी ने नवरात्रा की विषेष पूजा-अर्चना अपने घरों में की एवं मंदिर भी बंद रहे।
उन्होंने कहा कि मीडिया भी अपनी सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। खंडेलवाल ने बताया कि अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, बजरंग गढ, पुष्कर, नसियांजी, नारेली तीर्थ, तारागढ़ सहित सभी धार्मिक स्थल कोरोना के चलते बंद रहे।


भीलवाड़ा निवासी एवं व्यापारी संजय कटारिया ने बताया कि पहले कोरोना वायरस को लेकर जो अनदेखी एवं लापरवाही हुई है वह अब नहीं हो रही है। लोगों में जागरूकता आ गई है। लोग कोरोना वायरस की गंभीरता को समझ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले देश में भीलवाड़ा कोरोना मुक्त होगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है। मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी एवं डॉक्टर्स रात दिन मेहनत कर रहे हैं एवं जल्द ही उनकी मेहनत भीलवाड़ा को कोरोना मुक्त करने में अहम भूमिका निभाएगी।
उदयपुर के नाथद्वारा निवासी चंद्रप्रकाश ने बताया कि नाथद्वारा मंदिर के पट पिछले कई दिनों से बंद हैं। मैं पिछले 10 सालों से सुबह श्रीनाथजी के मंगला दर्शन करने जाता हूं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। मंदिर के पट बंद होने से सोशल डिस्टेंसिंग बनती है एवं कोरोना का संक्रमण रुकता है। ऐसे में मंदिर के पट बंद करने में कोई बुराई नहीं है। यह संपूर्ण मानव जाति के हित में है।
इसी प्रकार जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, पाली, जालौर, सहित राजस्थान के सभी जिलों में लॉकडाउन का व्यापक असर रहा। लोगों ने वायरस को भगाने एवं कोरोना मुक्त भारत बनाने का संकल्प भी लिया है।