COVID-19 : निजी स्कूल उठा रहे अपने कोरोना योद्धाओं के टीके का खर्च
नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल परिसरों में ताले लग गए थे, तब भी शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसकी पुरजोर कोशिश की और इसलिए निजी स्कूल उन्हें अपना 'कोरोना योद्धा' करार देते हैं।
अब ये निजी स्कूल इन शिक्षकों के टीकाकरण में मदद के लिए आगे आए हैं, वे सरकारी टीकाकरण केंद्रों में अर्हता रखने वाले शिक्षकों के लिए टीकाकरण समय की बुकिंग कराने से लेकर निजी अस्पताल में टीका लगवाने के लिए निर्धारित शुल्क का भी भुगतान कर रहे हैं।
स्कूलों का कहना है कि इस समय सरकारी दिशानिर्देशों के तहत वे 45 साल से अधिक उम्र के कर्मियों को टीका लगवा रहे हैं और उम्र सीमा कम होने पर वे अन्य कर्मियों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल करेंगे। दिल्ली के रोहिणी स्थित एमआरजी स्कूल के निदेशक रजत गोयल कहते हैं, जिस प्रतिबद्धता एवं कुशलता से हमारे शिक्षकों ने मुश्किल भरे वर्ष 2020 में हमारा साथ दिया, उसको देखते हुए स्कूल उन्हें अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों से कम नहीं मानता।
पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं स्वास्थ्य के संदर्भ में उनकी मदद करने के लिए स्कूल सरकारी दिशानिर्देश के अनुरूप अर्हता रखने वाले कर्मियों के लिए अप्रैल के शुरुआती 10 दिन टीकाकरण अभियान चल रहे हैं।शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अल्का कपूर कहती हैं, डॉक्टरों और अग्रिम मोर्चे पर कार्य करने वालों के साथ-साथ शिक्षक समुदाय को वायरस के संपर्क में आने का सबसे अधिक खतरा है। ड्यूटी की वजह से उन्हें कार्यस्थान पर हर उम्र के लोगों के संपर्क में आने की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, अभी चल रही बोर्ड की प्रायोगिक एवं अन्य परीक्षाओं की वजह से शिक्षकों को विद्यार्थियों के संपर्क में आना होता है। इसलिए भी उन्हें टीके की कवच की जरूरत है, ताकि वे बीमारी से अपनी रक्षा कर सके। इसलिए हमने स्कूल के नजदीक डिस्पेंसरी में अर्हता रखने वाले अपने 40 कर्मियों के टीकाकरण हेतु समय की बुकिंग की है।
देशभर में करीब 40 स्कूलों का परिचालन कर रहे ऑर्चिड- द इंटरनेशन स्कूल ने घोषणा की है कि वह अपने चार हजार कर्मियों को टीकाकरण के लिए शत-प्रतिशत आर्थिक मदद देगा। स्कूल प्रबंधन समिति की सदस्य कविता चटर्जी के मुताबिक, स्कूल प्रबंधन चार हजार कर्मियों के टीकाकरण का पूरा खर्च उठाएगा, जिनमें टीकाकरण केंद्र तक जाने का खर्च शामिल है।
डीपीएस इंदिरापुरम की प्रधानाचार्य संगीता हजेला ने कहा, हम सभी को पता है कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर आ गई है। यह मुश्किल समय है और हम अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। इसलिए स्कूल प्रबंधन अगले कुछ दिनों में कर्मियों के टीकाकरण के लिए चर्चा की प्रक्रिया में है।(भाषा)