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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : सोमवार, 23 मार्च 2020 (01:41 IST)

Janta Curfew में इंदौर में लोगों ने निकाल डाला जुलूस

Janta Curfew में इंदौर में लोगों ने निकाल डाला जुलूस - People took out procession in Indore in Janata Curfew
इंदौर। रविवार को 'जनता कर्फ्यू' में शाम 5 बजे कुछ उत्साही इंदौरियों ने जुलूस निकालकर अपनी मूर्खता का परिचय दे डाला। सुबह 7 से रात 9 तक जनता कर्फ्यू लगा हुआ था। शाम 5 बजे उन लोगों के लिए घंटी बजानी थी, जो जान हथेली पर रखकर कोरोना वायरस (Corona virus) से लड़ाई लड़ रहे हैं। लोगों ने घंटी तो बजाई लेकिन कुछ युवाओं ने जुलूस निकाल डाले।

लोग जोश में होश खो बैठते हैं, इसका उदाहरण शाम 5 बजे बाद इंदौर में कई स्थानों पर देखने को मिला, जब लोगों ने धारा 144 का उल्लंघन कर अति उत्साह में जुलूस भी निकाल डाले।

शहर के दिल कहे जाने वाले राजबाड़ा पर जीप में झंडे-बैनर के साथ कई युवाओं की टोलियां पहुंच गईं। इसके साथ ही पाटनीपुरा में भी जुलूस निकाल डाले। लोग ऐसा जश्न मना रहे थे, मानों उन्होंने कोरोना को हरा दिया हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनता कर्फ्यू की जो अपील की थी, क्या उसका उद्देश्य सफल हो पाया। प्रधानमंत्री ने सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घरों में रहने का आग्रह किया था, लेकिन इंदौर में शाम को लोग थाली और घंटियां बजाते हुए कोरोना पर जीत का जश्न मनाने लगे।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इंदौर पाटनीपुरा/राजबाड़ा की घटना पर ट्वीट किया और लिखा कि ये लोग समाज के कोरोना है...कोरोना से पहले इस बीमारी का इलाज जरूरी है...नहीं तो मेडिकल स्टाफ व डॉक्टर्स की सारी मेहनत बेकार चली जाएगी. इसके बाद एबीपी न्यूज के सुमित अवस्थी ने भी ट्वीट करके न केवल इंदौरियों को बल्कि इंदौर पुलिस को भी लताड़ा।
सनद रहे कि शहर के कई बाजार, दुकानें, मॉल बंद हैं। यहां तक कि निजी संस्थानों में भी वर्क फ्रॉम होम की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कंपनियों ने तो आने वाले खतरे को देखते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन उन्मादी इंदौरियों को कौन समझाए कि उनकी छोटी सी नादानी और उत्साह न जाने कितने लोगों पर भारी पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस दुनिया में तबाही मचाने के बाद भारत भी पहुंच गया है। जो गलतियां इटली और अमेरिका ने की थी, उससे भी हमने सबक नहीं लिया है। लोगों को 22 मार्च को घरों में रहने का आग्रह किया था, लेकिन शाम को लोग सड़कों पर निकल पड़े।

यह जरूर है कि इंदौर में अभी विकराल स्थितियां नहीं बनी हैं, लेकिन इस तरह की लापरवाही होती रही तो निश्चित रूप से आने वाले दिन तकलीफदायक साबित हो सकते हैं।