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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 27 मई 2021 (10:46 IST)

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे को देखते हुए पीडियाट्रिक एबुलेंस की जारी हो गाइडलाइन,अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आकलन में जुटा NCPCR:प्रियंक कानूनगो

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे को देखते हुए पीडियाट्रिक एबुलेंस की जारी हो गाइडलाइन,अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आकलन में जुटा NCPCR:प्रियंक कानूनगो - NCPCR is working to protect children from the third wave of Corona: Priyank Kanungo
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए बड़ा खतरा मानी जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा अधिक होने की आंशका के चलते केंद्र और राज्य सरकारें अभी से तैयारियों में जुट गई है। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य सरकारों से अस्पतालों में बच्चों के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं को लेकर रिपोर्ट तलब की है।

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा और इलाज को सुनिश्चित करने के लिए आयोग किस तरह से काम कर रहा है इसको लेकर ‘वेबदुनिया’ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से खास बातचीत की। 
 
‘वेबदुनिया’ से खास बातचीत में प्रियंक कानूनगो कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमण के दायरे में आने की संभावनाओं के बीच आयोग अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के इलाज के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबत करने में लगा है। कोरोना की तीसरी लहर से पहले आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता हैं कि बच्चों के इलाज को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर उसमें किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और इलाज के पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। आयोग ने अस्पतालों में पीड्रियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट,बच्चों के लिए अलग वार्ड तैयार करने की सलाह राज्यों को दी है।  
 
बच्चों के इलाज के लिए देश भर के अस्पतालों की स्थिति जानने के लिए आयोग ने सभी राज्य सरकारों से 22 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें अस्पतालों में बेड, डॉक्टर, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ 22 तरह के इक्विपमेंट और मशीनों को रख रखाव और मेंटनेंस को लेकर जानकारी मांगी है। राज्यों से मिलने वाली इस जानकारी के आधार पर आयोग केंद्र सरकार को अवगत करा सकेगा कि देश के किस जिले में किस चीज की आवश्यकता है और समय रहते तैयारियों को पूरा किया जा सके जिससे की कोरोना की तीसरी लहर में अगर बच्चों को खतरा हुआ तो बच्चों को सहीं तरह से इलाज मिलने से उनकी जान बचाई जा सके।  
वहीं आयोग ने कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए नवजात और छोटे बच्चों को मेडिकल इमरजेंसी की हालात में ट्रांसपोर्ट करने के लिए पीडियाट्रिक मेडिकल एबुलेंस को लेकर एक गाइडलाइन जारी करें जिससे कि देश में पर्याप्त मात्रा में बच्चों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए एबुलेंस हो सके, अभी अधिकांश एबुलेंस बच्चों को लाने ले जाने के लिए सक्षम नहीं है।   
 
वहीं कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए आयोग ने आईसीएमआर से बच्चों के इलाज के प्रोटोकॉल की जानकारी मांगी थी और क्या तीसरी लहर को लेकर उसमें कोई परिवर्तन किया गया। आईसीएमआर ने बच्चों के इलाज को लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी है और आज हम सभी राज्यों के बाल आयोग के साथ बैठक कर इस जानकारी को गांवों तक पहुंचाने का काम करेंगे। बैठक में नेशनल पीड्रियाट्रिक एकेडमी और आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाहकार और डॉक्टर शामिल रहेंगे।   
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