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Last Modified: गुरुवार, 1 जुलाई 2021 (20:23 IST)

मनीष सिसोदिया का दावा- कोरोना से शिक्षा क्षेत्र को सबसे ज्‍यादा नुकसान, इस तरह हो अध्यापन...

मनीष सिसोदिया का दावा- कोरोना से शिक्षा क्षेत्र को सबसे ज्‍यादा नुकसान, इस तरह हो अध्यापन... - Manish Sisodia's statement regarding education sector
नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के चलते शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान होने का दावा करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को शिक्षण में इस अंतर को घटाने के लिए अध्यापन के वास्ते नई पहलों पर बल दिया।

सिसोदिया ने यहां गुरु गोविंद सिंह इंद्रपस्थ विश्वविद्यालय में नए प्लेसमेंट सेंटर, ओपन थिएटर एवं ऑडिटोरियम की आधारशिला रखते हुए कहा, शिक्षा के क्षेत्र को महामारी के चलते सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। शिक्षण अंतर को घटाना सबसे मुश्किल परंतु अहम मिशन है।उन्होंने कहा कि इस शिक्षण अंतर को कम करने के लिए साथ आने एवं अध्यापन के लिए नई एवं बेहतर पहलुओं की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, कोविड-19 ने विद्यार्थियों में शिक्षण अंतर को बढ़ा दिया है और इस अंतर को घटाने के लिए हमें अपने अध्यापन एवं शिक्षण में नूतन पहलों को अपनाना होगा। हमें यह तय करना होगा कि क्या हम अपने बच्चों को पुराने एवं घिसेपिटे तरीके जारी रखना है या फिर उन्हें असल में यह बताना है कि चीजें कैसे सीखें।
कोविड के दौरान विविध पहलों की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि दुनियाभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापन की दो प्रविधियां अपनाई गई हैं, पहले में चार-पांच पुस्तकों से सामग्री पढ़ाई जाती है और दूसरे में बच्चों को पुस्तकों की सामग्री के कुछ हिस्से से नमूने लेकर सीखने के लिए उन्हें पढ़ाया जाता है।
उन्होंने कहा, अध्यापन के पहले तरीके को हमारे देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में अपनाया जाता है, जबकि दूसरी प्रविधि विकसित देशों में अपनाई जाती है। कोविड-19 ने हमें अध्यापन के दूसरे तरीके अपनाने और विद्यार्थियों को 'कैसे सीखें' बताने की चुनौती हम पर डाली है।(भाषा)
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