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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 24 मई 2021 (17:24 IST)

कश्मीर में पिछले साल भी आए थे ब्लैक फंगस के 10 मामले, यह कोई नई बीमारी नहीं और न ही संक्रामक

कश्मीर में पिछले साल भी आए थे ब्लैक फंगस के 10 मामले, यह कोई नई बीमारी नहीं और न ही संक्रामक - Last year, 10 cases of black fungus were reported in Kashmir
जम्मू। हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अब ब्लैक फंगस को प्रदेश में भी महामारी घोषित कर दिया है, पर चौंकाने वाली बात यह है कि यह जम्मू-कश्मीर में नई बीमारी नहीं है बल्कि अगर डॉक्टरों पर विश्वास करें तो पिछले साल भी ब्लैक फंगस के 10 मामले सामने आए थे। इतना जरूर था कि प्रशासन ने इसे महामारी घोषित करने के साथ ही सरकारी विभागों, खासकर स्वास्थ्य विभाग में इस पर चर्चा व बात करने पर भी प्रतिबंध लागू कर दिया है।

 
कश्मीर के ईएनटी विभाग के इंचार्ज प्रो. मंजूर अहमद लट्टू के मुताबिक पिछले साल कश्मीर में कोरोना के पीक के दौरान 10 मरीजों को ब्लैक फंगस के लक्षणों के साथ दाखिल किया गया था और उनमें से सिर्फ 4 को ही कोरोना था। उनका कहना था कि कश्मीर में ब्लड शुगर के बहुत से मरीज कश्मीर में पिछले कई सालों से उनके पास आते रहे हैं और कइयों में अक्सर ब्लैक फंगस की बीमारी देखी गई है।उनका कहना था कि अब कोरोना के मरीजों में यह तेजी से बढ़ी है जिस कारण इसे महामारी घोषित किया गया है।

सीडी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नवीद नजीर शाह ने लोगों को फिर से आश्वस्त किया कि ब्लैक फंगस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि यह ना तो कोई नई बीमारी है और ना ही संक्रामक, बस एहतियात बरतने की जरुरत है। डॉ. नवीद ने कहा कि लोगों से स्वयं दवा लेने से बचने, उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान कर उनको ब्लड शुगर नियंत्रण में रखने की जरुरत बताई है।
 
उन्होंने भी कहा कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है और न ही यह संक्रामक है। हमें केवल स्टेरॉयड जैसी दवा से बचने, उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान करने और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है। 
इतना जरूर था कि प्रदेश प्रशासन ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के साथ ही इस पर कोई चर्चा करने पर भी प्रतिबंध लागू कर दिया है। सरकारी आदेश संख्या एसओ 182 तारीख 24 मई 2021 में इसको महामारी घोषित करते हुए सभी अधिकारियों को खासकर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस बीमारी के प्रति किसी को कोई जानकारी नहीं देंगे।

 
इसमें कहा गया है कि निदेशक स्वास्थ्य सेवा जम्मू-कश्मीर की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन, ब्लैक फंगस के संबंध में कोई सूचना या सामग्री नहीं फैलाएगा। इसी तरह कोई भी संस्थान, व्यक्ति या संगठन ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थ्य निदेशक जम्मू और कश्मीर की अनुमति के बिना ब्लैक फंगस को लेकर मीडिया का भी उपयोग नहीं कर सकता। हालांकि यह आदेश इतना जरूर कहता था कि सिर्फ अधिकृत व्यक्ति ही इसके प्रति कोई बात कर पाएगा।
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