Corona का सच, जम्मू कश्मीर प्रशासन के पास विदेशों से आने वालों का आंकड़ा ही नहीं
जम्मू। इससे बड़ी हैरानगी की बात क्या हो सकती है कि प्रदेश प्रशासन अभी तक विदेश व देश के विभिन्न राज्यों से आने वालों का पूरा आंकड़ा ही प्रशासन के एकत्र नहीं कर पाया है। यह बात अलग है कि 1300 लोगों का पता चल चुका है। अब प्रशासन ने पुलिस और खुफिया विभाग को इसमें लगाया है।
सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल का कहना है कि जो लोग अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपा रहे हैं, वे अपराधी हैं। उनका कहना है कि एक दिन पहले ही जो दंपति पॉजिटिव आया, उसने क्राइम किया है। पूरी सोसायटी खतरे में डाल दी है।
प्रशासन की तमाम अपीलें और अनुरोध बेअसर साबित हो रहे हैं। प्रशासन ने कुछ दिनों से ऐसे लोगों की तलाश के लिए पुलिस के अलावा आम लोगों, विभिन्न धर्मों के गुरुओं का सहारा भी लिया है। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों में जाकर अनुरोध किया जा रहा है कि लोगों को बताया जाए कि वे यात्रा की जानकारी न छिपाएं।
एक दिन पहले ही सरकार के प्रवक्ता और योजना, निगरानी विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने भी यह कहा था कि यात्रा जानकारी छिपाने वाले लोग ही परेशानी का सबब बने हुए हैं। ऐसे लोगों को बाहर आने की जरूरत है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग के पास आकर अपनी जांच करवाने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए परेशानी का कारण यह बना हुआ है कि अगर किसी के विदेश से आने की जानकारी मिल भी जाती है और उसमें संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी नहीं मिल पाती है। कुछ दिन पहले जहाज से आए और एक मरीज के ट्रेन से आने के बाद जब दोनों पॉजिटिव मिले तो उनके संपर्क में आए सभी लोगों की जानकारी नहीं मिल पाई।
कुछ लोगों को तो स्वास्थ्य विभाग ने लाकर उन्हें क्वारंटाइन केंद्र में रखा था लेकिन अन्य का पता नहीं चल पाया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे लोगों से खतरा इसीलिए है कि अगर वे संक्रमित हो हैं तो इस संक्रमण को फैला सकते हैं।