शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. haridwar becomes coronas new hotspot more than 1700 positives cases found in 5 days
Written By
Last Modified: गुरुवार, 15 अप्रैल 2021 (17:47 IST)

हरिद्वार महाकुंभ बना Corona का नया Hotspot, 10 से 14 अप्रैल के बीच मिले 1700 से ज्यादा पॉजिटिव

हरिद्वार महाकुंभ बना Corona का नया Hotspot, 10 से 14 अप्रैल के बीच मिले 1700 से ज्यादा पॉजिटिव - haridwar becomes coronas new hotspot more than 1700 positives cases found in 5 days
देहरादून/ऋषिकेश। हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। कोरोना महामारी के बीच चल रहे इस बड़े धार्मिक आयोजन को लेकर सरकार लाख दावे कर रही हो कि सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों का पालन हो रहा है, लेकिन स्नान की आती तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां करती हैं। साधु-संत न मास्क में नजर आ रहे हैं, न ही वे कोरोना की जांच को तैयार हो रहे हैं।
हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल के बीच 1700 से अधिक लोगों के कोरोनावायरस संक्रमित पाए जाने के बीच आशंका जताई जा रही है कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा कोविड-19 के मामलों में आ रहे जबरदस्त उछाल को और तेज कर सकता है।
 
स्वास्थ्यकर्मियों ने मेला क्षेत्र में इन 5 दिनों में 2,36,751 कोविड जांच कीं, जिनमें से 1701 लोगों की रिपोर्ट में उनके महामारी से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई। 
 
हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी शंभु कुमार झा ने कहा कि इस संख्या में श्रद्धालुओं और विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक पूरे मेला क्षेत्र में 5 दिनों में की गई आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच दोनों के आंकड़े शामिल हैं।
 
उन्होंने बताया कि अभी और आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आना बाकी हैं और इस परिस्थिति को देखते हुए कुंभ मेला क्षेत्र में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 2000 के पार निकलने की पूरी आशंका है।
 
हरिद्वार, टिहरी और ऋषिकेश सहित देहरादून जिले के विभिन्न भागों में 670 हेक्टेयर क्षेत्रफल में महाकुंभ क्षेत्र फैला हुआ है।
 
सोमवार को सोमवती अमावस्या तथा बुधवार को मेष संक्रांति और बैसाखी के पर्व पर हुए दोनों शाही स्नानों में गंगा में डुबकी लगाने वाले 48.51 लाख श्रद्धालुओं में से ज्यादातर लोग बिना मास्क पहने और सामाजिक दूरी रखने जैसे कोविड से बचाव के नियमों का उल्लंघन करते नजर आए।
 
इस दौरान पुलिस हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड में समय की कमी के चलते अखाड़ों के साधुओं और संन्यासियों को कोविड से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन करवाने में असफल रही।
 
14 अप्रैल को मेष संक्रांति के शाही स्नान के पहले साधु संत आरटी-पीसीआर जांच के लिए तैयार नहीं हुए। हालांकि, अखाड़ों सहित कुंभ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर जांच और टीकाकरण अभियान में अब आने वाले दिनों में तेजी आने की संभावना है। (इनपुट भाषा)
ये भी पढ़ें
16 अप्रैल 2021, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त