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Last Modified: रविवार, 12 अप्रैल 2020 (15:19 IST)

कोरोना काल में स्मार्ट सिटी में 'जियो फेंसिंग' लागू कर रहा सोशल डिस्टेंसिंग

कोरोना काल में स्मार्ट सिटी में 'जियो फेंसिंग' लागू कर रहा सोशल डिस्टेंसिंग - Geo fencing  make sure people are following social distancing or not in corona virus lockdown
नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल देश के दर्जन भर से अधिक शहर कोरोना वायरस संकट के खिलाफ जारी जंग में कृत्रिम बौद्धिकता (AI) द्वारा अब तक चिकित्सा सहायता में स्वास्थ्य महकमे की मदद कर रहे थे। अब इन शहरों में लॉकडाउन के दौरान भीड़ जुटने से रोकने के लिए  एआई द्वारा ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का भी पालन सुनिश्चित किया जाने लगा है।
 
 आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की स्मार्ट सिटी परियोजना के हिस्सेदार शहरों में अपराध और हादसों पर निगरानी के लिए एआई आधारित जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, अब वही तकनीक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और संदिग्ध मरीजों की निगरानी में मददगार बन रही है। 
 
 
 
मंत्रालय द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्मार्ट सिटी के तहत स्थापित किए गए ‘इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) द्वारा शहर में भीड़ एकत्र होने से रोकने के लिए ‘जियो फेंसिंग’ का सहारा लिया जा रहा है। जीपीएस तकनीकि पर आधारित जियो फेंसिंग से भीड़ एकत्र होने वाले स्थानों की पहचान कर स्थानीय प्रशासन को सूचित किया जाता है।
 
 चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी के अंतर्गत एक मोबाइल एप ‘सीवीडी ट्रेकर’ भी बनाया गया है। इसकी मदद से घर में पृथक रखे गए संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाती है और जियो फेंसिंग की मदद से पृथक रखे गए मरीजों के घरों के आसपास के इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने की निगरानी भी जाती है।
 
 एक अधिकारी ने बताया कि पृथक रखे गए मरीज को सीवीडी ट्रेकर की मदद से ‘जियो फेंसिंग द्वारा मरीज के घर से 50 मीटर तक के दायरे की निगरानी की जाती है। संदिग्ध मरीज जैसे ही 50 मीटर के ‘जियो फेंस’ दायरे से बाहर जाता है, वैसे ही स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया जाता है।

मंत्रालय के अनुसार भोपाल, कानपुर, मंगलुरु और चेन्नई सहित 16 शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत संचालित आईसीसीसी से जीपीएस की मदद से संदिग्ध मरीजों की निगरानी करने, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चिन्हित हॉट स्पॉट इलाकों में ‘हीट मैपिंग’ द्वारा लॉकडाउन का पालन कराने और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले स्थानों में ‘जियो फेंसिंग’ की सहायता से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
 
स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आईसीसीसी के साथ स्थानीय प्रशासन, पुलिस और चिकित्सा विभाग के बीच आपसी सामंजस्य कायम कर कोरोना के खिलाफ जंग को तकनीकी मदद से आसान बनाया जा रहा है।
 
 उन्होंने बताया कि इस दिशा में मध्यप्रदेश के सर्वाधिक 6 स्मार्ट सिटी (भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सतना और सागर) के अलावा उत्तरप्रदेश में कानपुर, अलीगढ़ एवं वाराणसी, तमिलनाडु में चेन्नई और वेल्लोर, महाराष्ट्र में नागपुर, कर्नाटक में मंगलूरु, गुजरात में गांधीनगर, राजस्थान में कोटा और पश्चिम बंगाल में न्यू टाउन कोलकाता में लॉकडाउन के दौरान लोगों तक चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच को स्मार्ट सिटी की तकनीक की मदद से आसान बना दिया है। 
 
मंत्रालय के अनुसार इन शहरों में किसी ने मोबाइल ऐप तो किसी ने हेल्पलाइन द्वारा टेलीमेडिसिन की मदद से डॉक्टरों की मरीजों तक ऑनलाइन पहुंच बना दी है। मसलन, वेल्लोर में विभिन्न स्थानों पर रखे गए कोरोना के 118 संदिग्ध मरीजों की स्मार्ट सिटी के नियंत्रण कक्ष से मैपिंग के जरिए न सिर्फ एक साथ सतत निगरानी की जा रही है बल्कि टेलीमेडिसिन द्वारा सभी संदिग्ध मरीजों को उनके चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है।
 
अधिकारी ने बताया कि इन शहरों में संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करने और इन तक पहुंचने में भी स्थानीय प्रशासन को आईसीसीसी तकनीकी सहयोग दे रहा है।
 
इन शहरों में लॉकडाउन संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत भीड़ एकत्र होने से रोकने और लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने में ‘जियो फेंसिंग’ तकनीक की मदद ली जा रही है।
 
इसके तहत शहर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए पहले से ही जीपीएस का इस्तेमाल हो रहा था, अब इसकी मदद से पुलिस को जरूरत से ज्यादा आवाजाही वाले इलाकों की तत्काल सूचना दी जाती है। खासकर, स्वास्थ्य महकमे द्वारा चिन्हित किए गए हॉटस्पॉट इलाकों में हर पल निगरानी की जा रही है।
 
इसके अलावा कुछ स्मार्ट सिटी में कोरोना संबंधी स्वच्छता मानकों को पूरा करने के लिये ड्रोन से विभिन्न इलाकों को सेनिटाइज करने और गंदगी की शिकायत मिलने पर स्थानीय निकायों को सूचित कर इसका समाधान किया जा रहा है।
 
उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी परियोजना में देश के सौ शहरों को शामिल कर इनमें एआई आधारित तकनीक की मदद से नागरिक सुविधाओं को उन्नत किया जा रहा है। मंत्रालय ने इस परियोजना के भागीदार सभी शहरों में स्थापित आईसीसीसी को कोरोना संकट के खिलाफ अभियान में स्थानीय प्रशासन को हरसंभव तकनीकी मदद देने का निर्देश दिया है। (भाषा)
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