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Last Modified: मंगलवार, 5 मई 2020 (13:49 IST)

Corona के पारंपरिक उपचार खोजने में मदद करेगा WHO

Corona के पारंपरिक उपचार खोजने में मदद करेगा WHO - Corona Treatment
जिनेवा/नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के महत्व को स्वीकारते हुए कहा है कि वह कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के पारंपरिक उपचार से जुड़े अनुसंधानों में मदद करेगा।
 
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को ‘कोविड-19’ पर नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि कई पारंपरिक दवाए हैं, जो फायदेमंद हैं और इसलिए डब्ल्यूएचओ की एक इकाई पारंपरिक दवाओं पर काम करती है। लेकिन किसी भी पारंपरिक दवा के इस्तेमाल से पहले आधुनिक दवाओं की तरह ही उन्हें कड़े परीक्षण से गुजरना चाहिए। 
 
संगठन की ओर से कहा गया है कि कोविड-19 के उपचार के लिए वह ‘आर्टिमिसिया अनुआ’ नामक औषधीय पौधे पर विचार कर रहा है। इसे भारत में ‘ज्वर रोध’ भी कहा जाता है। अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर वह पारंपरिक औषधीय उत्पादों के क्लीनिकल प्रभाव के परीक्षण पर काम कर रहा है। 
 
डब्ल्यूएचओ के आपात चिकित्सा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल जे. रेयान ने कहा कि पारंपरिक दवाओं के कोरोना पर प्रभाव के साथ ही दूसरे तंत्रों को संभावित नुकसान के बारे में भी पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि हम यहां एक संभावित दवा की बात कर रहे हैं, जिसमें सक्रिय फार्मास्यूटिकल घटक है। यदि यह वायरस को निशाना बना रहा है तो यह मददगार हो सकता है, लेकिन साथ ही यदि यह दूसरे तंत्रों को प्रभावित करता है तो यह नुकसानदेह भी हो सकता है। हम फार्मास्यूटिकल घटकों की तलाश कर रहे हैं- चाहे वह पारंपरिक औषधियों में मिले या आधुनिक उपचार प्रणाली में।
 
हमें पारंपरिक उपचार के क्लीनिकल, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व को स्वीकार करना होगा। हम सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी दवा जिसमें सक्रिय फार्मास्यूटिकल घटक हैं, इस्तेमाल से पहले उनका परीक्षण आधुनिक दवाओं की तरह ही होना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि कई आधुनिक दवाएं हैं जिनके फार्मास्यूटिकल घटक ऐसी पारंपरिक औषधियों से लिए गए हैं, जिनके बारे में समुदायों को लंबे समय से पता था- जैसे एस्प्रीन, मलेरिया रोधी दवा तथा कई अन्य दवाएं। इन औषधियों के सक्रिय घटकों का पता लगाकर उनका इस्तेमाल करते हुए टेबलेट बनाई गईं।
 
इसलिए, जिस किसी भी पारंपरिक दवा का कोविड-19 के उपचार में थोड़ा-बहुत असर दिखता है हम उनसे जुड़े अनुसंधानों और क्लीनिकल परीक्षण के लिए मदद देंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित एवं प्रभावशाली हैं। (वार्ता)
 
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