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Last Updated : बुधवार, 21 अप्रैल 2021 (21:57 IST)

Delhi में ऑक्सीजन की किल्लत होगी खत्म, केंद्र ने दिल्ली के Oxygen का कोटा बढ़ाया, केजरीवाल बोले- धन्यवाद

Delhi में ऑक्सीजन की किल्लत होगी खत्म, केंद्र ने दिल्ली के Oxygen का कोटा बढ़ाया, केजरीवाल बोले- धन्यवाद - centre has increased oxygen quota of for delhi tweets cm arvind kejriwal
नई दिल्ली। दिल्ली में अनेक निजी और सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि केंद्र ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। हम इसके लिए केंद्र के बहुत आभारी हैं।
इस घोषणा से कुछ घंटे पहले ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने फरीदाबाद के एक संयंत्र से दिल्ली की ऑक्सीजन आपूर्ति रोक दी।
दिल्ली के कई अस्पतालों ने भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार विक्रेताओं को उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं करने दे रही और उनके पास सीमित भंडार ही शेष है। 

जरा-सी भी मानवता बची है या नहीं : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को निर्देश दिया कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे राष्ट्रीय राजधानी के उन अस्पतालों को फौरन किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए जो इस गैस की कमी से जूझ रहे हैं।
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा? हम इस बात से स्तब्ध और निराश हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है, लेकिन इस्पात संयंत्र चल रहे हैं।
 
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पूरी तरह केंद्र सरकार के कंधों पर है और जरूरत है तो इस्पात और पेट्रोलियम समेत सभी उद्योगों की सारी ऑक्सीजन की आपूर्ति चिकित्सीय उपयोग के लिए की जा सकती है।
 
पीठ ने कहा कि इस्पात और पेट्रोकेमिकल उद्योग ऑक्सीजन की बहुत खपत करते हैं और वहां से ऑक्सीजन लेने से अस्पतालों की जरूरत पूरी हो सकती है।
 
अदालत ने कहा कि जब टाटा अपने इस्पात संयंत्रों के लिए बनाई जा रही ऑक्सीजन को चिकित्सीय उपयोग के लिए दे सकते हैं तो दूसरे ऐसा क्यों नहीं कर सकते? यह लालच की हद है। क्या जरा-सी भी मानवता बची है या नहीं। अदालत दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत के संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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