रविवार, 1 दिसंबर 2024
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Written By ND

थके योद्धा होंगे चुनाव समर में

थके योद्धा होंगे चुनाव समर में -
रायपुर। विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल करने में ही प्रत्याशियों की हालत इतनी पस्त हो चुकी होगी कि वे प्रचार के लिए कुछ करने के काबिल ही नहीं रहेंगे। उनके पास औसतन एक से डेढ़ लाख मतदाताओं तक पहुँचने के लिए महज 15 दिन का समय ही बचेगा। ऐसे में प्रत्याशी थके-मांदे चुनाव मैदान में उतरेंगे। इस स्थिति में उनका हश्र क्या होगा? अंदाजा लगाया जा सकता है।

मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है। इसके बावजूद भाजपा और कांगे्रस टिकट को लेकर अभी उलझी हुई है। कई महत्वपूर्ण सीटें विवादों में फँसी हैं। कांग्रेस तो आधी सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है, वहीं भाजपा भी 78 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद एक दर्जन सीटों पर निर्णय नहीं ले पा रहा है। सूची जारी नहीं होने से दावेदारों में आपसी कलह और क्लेश बढ़ता ही जा रहा है। उनकी ऊर्जा टिकट पाने में खर्च हो गई है। बची-खुची ऊर्जा रुठों को मनाने में खप जाएगी। जब वे प्रतिद्वंद्वी के सामने मैदान में उतरेंगे तो उनकी सारी ऊर्जा खर्च हो चुकी होगी। इस हालत में उनके लिए फतह पाना मुश्किल होगा।

कांग्रेस की बात करें तो टिकट को लेकर दिग्गजों में तलवारें खिंची हुई हैं। पार्टी के महासचिव राहुल गाँधी ने युवाओं को तरजीह देने की वकालत कर बुजुर्ग नेताओं के होश उड़ा दिए। टिकट को लेकर हुई बैठकों में पार्टी के कर्ताधर्ता अपने समर्थकों के लिए तकरार पर उतारू हो गए। हालात यहाँ तक पहुँचे कि अंतिम समय तक पैनल में काँट-छाँट होती रही। अंततः आपसी कलह के मद्देनजर आलाकमान ने नसीहत दी कि कोटा सिस्टम नहीं चलेगा, जबकि छत्तीसगढ़ की पहली सूची कोटा सिस्टम के अनुसार ही जारी की गई है। उच्च स्तर पर चल रही इस स्थिति के कारण टिकट के दावेदारों में आपसी कलह बढ़ती जा रही है। इस बीच प्रदेश के क्षत्रप अपने समर्थकों को टिकट के लिए भरोसा भी दिलाते जा रहे हैं। एक-एक सीट पर आश्वासन प्राप्त दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। जब अंतिम पायदान पर टिकट कटेगा तो उनका गुस्सा पार्टी के प्रत्याशी पर ही उतरेगा।

इधर, भाजपा में भी स्थिति कम विस्फोटक नहीं है। पहली सूची जारी होने के बाद टिकट से वंचित विधायकों व पूर्व विधायकों के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय तक पहुँचकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इन्हें शांत कराना अब संगठन के लिए भी मुश्किल हो गया है। पार्टी के नेता टिकट कांटने के पीछे कई तरह के तर्क दे रहे हैं, मगर कार्यकर्ता कहाँ मानने वाले हैं। नाराज कार्यकर्ता यहाँ तक कह रहे हैं- चुनाव में मजा चखाएँगे। कहा जा रहा है कि एक दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कलह और भी बढ़ सकती है। 14 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है यानि प्रचार के लिए काफी कम समय बचा है। प्रत्याशियों को अपने ही कार्यकर्ताओं से जूझना पड़ेगा। (नईदुनिया)