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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 7 नवंबर 2024 (11:43 IST)

Chhat puja 2024: छठ पूजा के बाद क्या है उषा अर्घ्‍य का समय और कैसे करते हैं पारण एवं पूजा

Chhat puja 2024: छठ पूजा के बाद क्या है उषा अर्घ्‍य का समय और कैसे करते हैं पारण एवं पूजा - Chhath Puja 2024 Usha Arghya Date Timings
Chhath Puja Usha Arghya Samay: 07 नवंबर को छठ पूजा के दिन संध्या सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और छठी मैया की पूजा होगी। इसके बाद अगले दिन यानी 08 नवंबर को सूर्योदय के समय उषाकाल का अर्घ्य देकर 36 घंटे के व्रत का पारण यानी परायण किया जाएगा। पारण यानी व्रत को खोला जाएगा। जानते हैं कि क्या है सूर्यदेव को उषा काल का अर्घ्य देने का समय और किस तरह खोलें व्रत।
छठ पूजा 2024 उषा अर्घ्‍य काल का समय:
उषा अर्घ्य के दिन 8 नवंबर सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 38 सुबह मिनट पर। इस समय सूर्य को अर्घ्‍य अर्पित करके पूजा करें। इसके बाद सायं 05 बजकर 31 मिनट पर सूर्यास्त होगा।
 
छठ पूजा 2024 पारण का समय : सूर्य को अर्घ्य देने के बाद करें पारण।
 
छठ पूजा 2024 के बाद कैसे खोलें व्रत: 7 नवंबर को पूरा दिन निराहार और निर्जल रहकर शाम को पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। अगले दिन यानी 8 नवंबर 2024 को उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है। यह छठ पर्व का समापन दिन होता है।
यह मुख्य रूप से यह लोकपर्व है जो उत्तर भारत के राज्य पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग ही मनाते हैं। यहां के लोग देश में कहीं भी हो वे छठ पर्व की पूजा करते हैं। हालांकि दक्षिण भारत में भी इसे स्कंद या कार्तिकेय षष्ठी के रूप में मनाते हैं जिसे सूर सम्हारम कहते हैं। स्कन्द षष्ठी भगवान मुरुगन को समर्पित अत्यन्त महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे कन्द षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। स्कन्द षष्ठी पर्व मुख्यतः तमिल हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। स्कन्द षष्ठी का दिन चन्द्र माह के आधार पर तय किया जाता है तथा यह पर्व कार्तिक मास के छठवें दिन आता है।
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