जया बच्चन : कराएँ शनि की शांति
जन्म 9 अप्रैल 1946, जबलपुर।
जया बच्चन का जन्म जब हुआ उस समय रेवती नक्षत्र चल रहा था, उसके प्रभाव से जया आज आर्थिक रूप से संपन्न एवं पवित्र ह्रदय वाली है। जन्म के समय चंद्र मीन राशि पर भ्रमण कर रहा था जिसने उन्हें अभिनेत्री बनाया और नाम की ख्याति दी। इसके फल ही ने उन्हें और संपन्न बनाया। सूर्य कुंडली की स्थिति के अनुसार जया को दीर्घ सूत्री बनाता है। साथ ही सुंदर शरीर भी प्रदान करता है। सूर्य मीन राशि में रहने से भी जया सर्वगुण संपन्न है। कुंडली में मंगल, चंद्र की राशि पर विराजमान है वह भी धनवान बनाता है। कुंडली का पूर्ण अध्ययन किया जाए तो राजयोग बनाता है। पत्रिका में बुध जिस स्थान पर बैठा है वह दूसरे की मदद के लिए प्रेरित करता है। दान दाता भी बनाता है। इन्हीं गुणों के कारण खराब ग्रहों के प्रभाव कम हो जाते है। कुंडली में बुध जिस स्थान पर विराजमान है वह गुरु की राशि है। इसके परिणाम से आज जया उच्च स्थान पर है एवं राजनैतिक सम्मान भी प्राप्त है। यह सारी संपन्नता प्रदान करता है।
कुंडली में गुरु जिस भाव पर बैठा है वह सर्वसुविधा संपन्न सुंदर निवास दिलाता है, जो आज सत्य है एवं अपने पितृ के नाम को उज्ज्वल करने में मदद करता है अर्थात् पूर्वजों का नाम रोशन करता है। गुरु स्वयं की राशि पर विराजमान है। यह भी उच्च स्थान दिलाता है। शुक्र भी स्वयं की राशि वृषभ पर विराजमान है, जो धनवान के साथ-साथ क्षमावान भी बनाता है। वहीं प्रिय भाषी भी बनाता है। कुंडली में बैठा शनि तकलीफ दे सकता है, विशेष कर संतान के प्रति अत: शनि की शांति कराना चाहिए। राहु एवं केतु मध्यम फल देते है। केतु के कारण गुर्दा संबंधी तकलीफ हो सकती है। अत: ध्यान दें। कुत्ते की सेवा करने से बहुत लाभ मिलेगा। जया का जन्म बुध की महादशा में हुआ, जिसका भोग्य काल 12 वर्ष 12 माह 25 दिन रहा। वर्तमान में मंगल की महादशा चल रही है। जो कि 4-5-2011 तक चलेगी। अभी मंगल की महादशा में चंद्र की अंर्तदशा 4-10-2010 से चल रही है जो 4-5-2011 तक चलेगी। मंगल की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा एवं चंद्र की अंतर्दशा में शुक्र की प्रत्यंतर दशा 19-3-2011 से 24-4-2011 तक रहेगी। उसके बाद सूर्य की प्रत्यंतर दशा 4-5-2011 तक रहेगी। इसके बाद राहु की महादशा चलेगी। जया के लिए 25 अप्रैल तक का समय अच्छा रहेगा। मई व जून के मध्य तक सामान्य रहेगा। जून मध्य से जुलाई अंतिम सप्ताह तक धार्मिक कार्य में खर्च होगा। अगस्त में परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। सितंबर से अक्टूबर का समय शुभ रहेगा। नवंबर से दिसंबर तक विरोधी का सामना करना पड़ सकता है। जया को 5, 10 एवं 15 तारीख को लंबी यात्रा नहीं करनी चाहिए। कुंभ के चंद्रमा के दिन कहीं नहीं जाना चाहिए। पुखराज धारण करना चाहिए। इति शुभम्।