शाहरुख इन दिनों अपनी फिल्मों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। रब ने बना दी जोड़ी में सुरिंदर साहनी का किरदार निभाकर अपनी अलग छवि प्रस्तुत करने वाले शाहरुख खान के विचारों में इन दिनों बदलाव देखा जा रहा है। उनके लिए बेहद अहम इस फिल्म में काम करके उन्हें कैसा महसूस हुआ आइए जानते हैं उनकी जुबानी:
प्रश्न : आप बहुत सोच-विचार कर फिल्म साइन करते हैं। ‘रब ने बना दी जोड़ी’ को करने के क्या कारण रहे? उत्तर : यशराज फिल्म्स की फिल्म करते समय मैं कोई कारण नहीं सोचता। बातों ही बातों में हम फिल्म कर लेते हैं। मैं यशजी से पूछता हूँ कि यशजी आप कौन-सी फिल्म बना रहे हैं या यशजी मुझसे कहते हैं- ‘तू क्या कर रहा है’ और मैं कहता हूँ ‘कुछ नहीं’। फिर वे कहते हैं कि ‘चल आ जा पिक्चर कर लें।’ जनवरी की बात है। आदित्य ने मुझसे कहा कि उसने एक फिल्म लिखी है। मैंने सोचा कि वह एक और फिल्म का निर्माण करने जा रहा है, लेकिन आदि ने मुझसे कहा कि यह फिल्म उसने मेरे लिए लिखी है और इस बारे में मुझसे बात करना चाहता है। मैंने कहानी सुनी और कहा कि यह बहुत अच्छी है।
आदि ने कहा- तीन महीने बाद हम इसकी शूटिंग आरंभ करेंगे। बस, इस फिल्म में मैं आ गया। बॉलीवुड में ऐसे कुछ लोग हैं, जिनकी फिल्म करने के पहले मैं कुछ भी नहीं सोचता। करण, फरहा, यशजी और आदित्य मुझसे कहते हैं कि चलो यार एक फिल्म करते हैं और मैं हाँ कर देता हूँ।
प्रश्न : अनुष्का शर्मा अपने करियर की शुरुआत आपके साथ इस फिल्म के जरिए कर रही हैं। आप क्या कहेंगे अनुष्का के बारे में? उत्तर : ईमानदारी से कहूँ तो जब मैं पहली बार अनुष्का से मिला तो मुझे उनमें गजब का आत्मविश्वास नजर आया। मैं अपने करियर के उस दौर से गुजर रहा हूँ जहाँ मुझे युवा पीढ़ी के साथ काम करने का मौका मिल रहा है, जिनकी सोच अलग है। मुझे लगता है कि मैं इनसे अलग पीढ़ी का हूँ।
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अनुष्का के साथ जब मैंने काम किया तो मुझे लगा कि किसी दृश्य को नए तरीकों से भी किया जा सकता है। हो सकता है कि मेरे अभिनय में अब दोहराव आने लगा हो या मेरे अभिनय की मेरी एक स्टाइल विकसित हो गई हो। मुझसे कई लोगों ने पूछा कि इस फिल्म में नई लड़की है तो मैंने उसे अभिनय के पाठ पढ़ाए होंगे, लेकिन मैं कहूँगा कि अनुष्का यह बात नहीं जानती है कि उन्होंने मुझसे अभिनय कराया। एक दृश्य खत्म होने के बाद मैं अनुष्का के पास गया और उनसे कहा कि हमारी फिल्म को इतनी खूबसूरत बनाने के लिए धन्यवाद।
प्रश्न : आदित्य की यह तीसरी फिल्म है और तीनों में आपने काम किया है। इस जुगलबंदी के बारे में क्या कहना चाहेंगे? उत्तर : आदित्य चोपड़ा और मेरी दोस्ती ‘डर’ के दौरान हुई थी, जब आदि इस फिल्म का मुख्य सहायक निर्देशक था। हम दोनों एक से हैं, एक-सा सोचते हैं इसलिए दोनों अच्छे दोस्त बन गए। आदित्य की तरह मैं भी शर्मीला और एकांतप्रिय हूँ। यह बात और है कि मैं अभिनेता हूँ इसलिए लोग मेरे बारे में ज्यादा जानते हैं और आदि के बारे में कम। सेट पर मैं हमेशा आदि को सर कहकर संबोधित करता हूँ। आदित्य मैं तुम्हें धन्यवाद कहना चाहूँगा कि तुमने मुझे अपनी तीसरी फिल्म में भी लिया। मैं तुम्हारी आखिरी फिल्म में भी काम करना चाहूँगा जो तुम पचास-साठ साल बाद बनाओगे। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे तुम्हारी हर फिल्म का हिस्सा बनने का अवसर मिला।
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प्रश्न : इस फिल्म में आपका लुक चर्चा का विषय है। क्या इस बारे में आप बताएँगे। उत्तर : फिल्म के दो किरदार एक-दूसरे से बिलकुल जुदा हैं, इसलिए दोनों को अलग लुक देना जरूरी था। हम इस तरह के किरदार को कैरीकेचर या कॉमिक नहीं बनाना चाहते थे क्योंकि कहानी के लिए लुक बहुत महत्व रखता था। मैंने एक दिन मूँछें लगाईं और कुछ अलग तरह से बाल सँवारकर आदित्य को दिखाए तो आदि ने कहा- उन्हें ऐसे लुक की ही तलाश थी।
प्रश्न : पंजाब में शूटिंग करने का अनुभव कैसा रहा? उत्तर : मैं पंजाब शूटिंग के सिलसिले में कई बार गया हूँ। पंजाब के लोग बड़े प्यारे हैं। वे हमेशा आपकी देखभाल करते हैं। अच्छा खाना, ढेर सार प्यार और शानदार लोकेशन पंजाब की खासियत है। शूटिंग के समय भीड़ जमा होती थी, लेकिन कभी कोई परेशानी नहीं हुई। खालसा कॉलेज की बिल्डिंग देखकर मैं दंग रह गया। मुझे स्वर्ण मंदिर जाने का भी अवसर मिला। वहाँ मैंने माथा टेका और अपने परिवार के लिए, फिल्म के लिए और उन सबके लिए मैंने प्रार्थना की जिन्हें मैं जानता हूँ। वहाँ जाकर मुझे बेहद शांति महसूस हुई।
प्रश्न : इस फिल्म से जुड़ी कोई खास घटना बताइए। उत्तर : शूटिंग के पहले सात-आठ दिन मेरे लिए बेहद यादगार रहे। मैं सुरिंदर साहनी के लुक में सेट पर जाता था और मुझे कोई भी पहचान नहीं पाता था। वह अहसास जो तीस वर्ष बाद मुझे होता, अभी ही महसूस हो गया। तीस साल बाद जब मैं स्टार नहीं रहूँगा तो मुझे कोई नहीं पहचानेगा। उस दौर को मैंने इसकी शूटिंग के आरंभिक दिनों में महसूस किया। मैं नहीं चाहता हूँ कि मेरे साथ कभी भी ऐसा हो।
प्रश्न : रोमांटिक आयकॉन शाहरुख ने एक प्रेमकथा में साधारण आदमी का किरदार निभाया है। इस बारे में क्या कहेंगे? उत्तर : मैं हमेशा से कहता आया हूँ कि मैं सुपरस्टार, जिसका नाम शाहरुख खान है, का कर्मचारी हूँ। मैं उस सुपरस्टार या हीरो या रोमांटिक आयकॉन के लिए काम करता हूँ। मैं कभी नहीं सोचता कि मैं सुपरस्टार हूँ। अपने बारे में कहूँ तो मैं बेहद साधारण आदमी हूँ, जो साधारण सोचता है और साधारण काम करता है। जो मिडिल क्लास बैकग्राउंड से आया है। मैं इसे कभी नहीं भूलता। बाहर से भले ही लोगों को लगता है कि मैं एक लाख स्क्वेयर फुट में बने मकान में रहता हूँ। मेरे पास बड़ी और महँगी कारें हैं, लेकिन यह सब उस अभिनेता को मिली है। रोमांटिक आयकॉन का खिताब भी उस अभिनेता को मिला है, जिसके लिए मैं काम करता हूँ।
मैंने जितने भी रोमांटिक किरदार निभाए हैं, उन्हें यदि आप गौर से देखें तो पाएँगे कि सब मिडिल क्लास का हाव-भाव लिए हुए हैं। मुझे तो ‘रब ने बना दी जोड़ी’ का सूरी अपने जैसा लगता है। यदि मैं स्टार नहीं बनता तो मैं भी सूरी जैसी मूँछ लगाए और बाल सँवारे होता। मैं चाहता हूँ कि राज और राहुल अब अपना क्राउन सूरी को सौंप दें क्योंकि वह दिल का बहुत अच्छा है।