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Last Updated : मंगलवार, 6 दिसंबर 2022 (17:49 IST)

4 नन्हे वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की सबसे सस्ती और अनोखी स्वदेशी इलेक्ट्रिक कार, धूल-धुएं को भी करेगी फिल्टर

4 नन्हे वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की सबसे सस्ती और अनोखी स्वदेशी इलेक्ट्रिक कार, धूल-धुएं को  भी करेगी फिल्टर - 4 little scientists made the worlds cheapest and unique indigenous electric car, will filter dust and smoke
देश के इतिहास में पहली बार उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के 4 छोटे बच्चों विराज (11), आर्यव (09), गर्वित (12) और श्रेयांश (14) ने मिलकर एक टीम फोर नाम का एक समूह बनाया और प्रदूषण मुक्त गतिशीलता प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए दुनिया की सबसे सस्ती और अनोखी स्वदेशी इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण किया। ये अनोखी गाड़ियां एक, दो एवं चार सीटर है।

मिलिंद राज के मार्ग निर्देशन में बच्चों की लगन एवं 7 से 8 माह अधिक प्रवास के परिणाम के रूप में तीन स्वदेशी एवं प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण हुआ।

रोबोटिक विशेषज्ञ मिलिंद राज के निर्देशन में दुनिया की सबसे सस्ती और अनोखी स्वदेशी इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करने वाले 4 नन्हे-मुन्ने वैज्ञानिकों से उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने मुलाकात की और उन्हे प्रोत्साहित किया।

विश्व में पहली बार किसी गाडी में सोलर हाइब्रिड डी एफ एस एवं अल्ट्रावायलेट नामक टेक्नालॉजी का उपयोग करते हुए इन गाड़ियों में धूल एवं धुएं को फिल्टर करने की टेक्नोलॉजी लगाई गई है जिससे जहां-जहां जाएगी उन स्थानों में हवा की धूल एवं धुएं को साफ (फिल्टर) करती जाएगी, जिससे वायु में धूल एवं धुएं का स्तर कम होगा, जिसका परिणामस्वरूप जनमानस के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

इसके साथ-साथ टीम के बच्चों के माध्यम से एक अच्छा संदेश भी प्रसारित होगा। मिश्र ने मिलिंद राज को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने इन बालकों को नन्हा वैज्ञानिक बना दिया। यह बच्चे आने वाले समय में बड़े वैज्ञानिक बनेंगे। इन बच्चों में जो बीज बोया है, कुछ नया करने के लिए कुछ ऐसा करने कि जो सामाजिक आवश्यकताओं को पूर्ति करने वाला है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ शहर को क्लीन एयर में पहला पुरस्कार मिला है, यह लखनऊ शहर के लिए गर्व की बात है। इन बच्चों ने सभी के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि शहर को डस्ट फ्री सिटी बनाने के लिए डस्ट फिल्टरेशन सिस्टम कार में ही लगा दिया है।

यह कार चलने के साथ-साथ प्रदूषित हवा को भी साफ करेगी। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोगी हो सकता है, साथ ही कौशल विकास के क्षेत्र युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। इन बच्चों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।
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