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Written By समय ताम्रकर

मीराबाई नॉट आउट

मीराबाई नॉट आउट
IFM
निर्माता : रंगिता प्रीतिश नंदी, प्रीतिश नंदी
निर्देशक : चंद्रकांत कुलकर्णी
संगीत : संदेश शांडिल्य
कलाकार : मंदिरा बेदी, महेश मांजरेकर, अनुपम खेर, एजाज खान, चारू शर्मा, अनिल कुंबले (विशेष भूमिका)

अक्सर कहा जाता है कि क्रिकेट और फिल्मों के भारतीय दीवाने हैं। शायद इसी बात को ध्यान में रखकर निर्देशक चंद्रकांत कुलकर्णी ने ‘मीराबाई नॉट आउट’ फिल्म बनाई है, जो एक क्रिकेट प्रेमी की कहानी है। मीरा को क्रिकेट का इतना शौक है कि वो अपनी सगाई वाले दिन भी क्रिकेट देखने पहुँच जाती है।

जरूरी नहीं है कि एक अच्छे विचार पर बनी फिल्म भी अच्छी हो। ‘मीराबाई’ इसका उदाहरण है। फिल्म की पटकथा में दम नहीं है। फिल्म क्रिकेट की बात करती है, लेकिन एक क्रिकेट प्रेमी के लिए इसमें कुछ खास नहीं है। दरअसल यह एक प्रेम कहानी है, जिसकी पृष्ठभूमि में क्रिकेट है। फिल्म का बहुत बड़ा हिस्सा इस प्रेम कथा को दिया गया है।

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मीरा (मंदिरा बेदी) स्कूल में गणित पढ़ाती है। क्रिकेट और अनिल कुंबले की वह दीवानी है। उसका अब तक अविवाहित रहना उसके घरवालों की सबसे बड़ी चिंता है। मीरा की मुलाकात अर्जुन (एजाज खान) से होती है और उसे समझ में आता है कि क्रिकेट और अनिल कुंबले के अलावा भी जिंदगी में बहुत कुछ है।

फिल्म में बिलकुल पकड़ नहीं है क्योंकि फिल्म को ठीक से लिखा नहीं गया है। निर्देशक चंद्रकांत कुलकर्णी ने कुछ दृश्यों को अच्छी तरह संभाला है, जैसे- महेश मांजरेकर और एजाज खान के बीच खेला गया मैच, अनुपम खेर एक क्विज शो में हिस्सा लेते हैं और मंदिरा सारे सवालों का सही जवाब देती हैं।

संगीत के लिए फिल्म में खास स्कोप नहीं था। संवाद कुछ जगह उम्दा हैं। अभिनय की बात की जाए तो मंदिरा इस फिल्म का केन्द्रीय पा‍त्र है और उन्होंने इसे अच्छे से अभिनीत किया है। एज़ाज भी प्रभावित करते हैं। महेश माँजरेकर को फिल्म के अंत में कुछ कर दिखाने का मौका मिलता है। अनिल कुंबले ठीक-ठाक हैं।

कुल मिलाकर ‘मीराबाई नॉट आउट’ निराश करती है और यह बहुत जल्दी सिनेमाघरों से आउट हो जाएगी।