'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाने के बारे में गलत जानकारी देकर ट्रोल हुए विशाल ददलानी, मांगनी पड़ी माफी
अक्सर सेलेब्स अपने बयानों के कारण ट्रोलर्स के निशाने पर आ जाती हैं। इस बार मशहूर सिंगर और संगीतकार विशाल ददलानी भी अपने एक गलत बयान की वजह से काफी ट्रोल होने लगे हैं।
दरअसल, इन दिनों विशाल को म्यूजिक रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 12' में जज के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में उन्हें एक एपिसोड में लता मंगेशकर के गाने को लेकर गलत जानकारी दी, जिसकी वजह से उन्हें ट्रोल किया जाने लगा है।
एक प्रतिभागी ने लता मंगेशकर का देशभक्ति गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था। इस पर विशाल ने एक गलत तथ्य बता दिया। उन्होंने कहा, यह गाना लता मंगेशकर ने 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए गाया था। यह दुनिया का एक मात्र ऐसा गाना है, जो ऑल टाइम हिट है।
उन्होंने कहा, आपने इसे गाने की अच्छी कोशिश की, लेकिन लता मंगेशकर जैसा इसे कोई नहीं गा सकता। गाने के बारे में गलत जानकारी दर्शकों को देने के लिए विशाल को जमकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा। ट्विटर पर DadlaniFacts जमकर ट्रेंड होने लगा।
I see a few right-wingers "offended" by my messing up the date of "Ae Mere Watan Ke Logon" being sung to Pt. Nehru. I apologise for my error.
These "staunch Nationalists" didn't say a thing when #Chornab celebrated the deaths of 40 Indian soldiers in #Pulwama as a TRP win. Odd.
अब सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद विशाल ददलानी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'ऐ मेरे वतन के लोगों के बारे में मेरी गलत जानकारी से नाराज लोगों से मैं माफी मांगता हूं। इन कट्टर राष्ट्रवादियों ने तब कुछ नहीं कहा जब #Chornab पुलवामा में 40 भारतीय सैनिकों की मौत को TRP की जीत के रूप में मना रहा था।
बता दें कि ऐ मेरे वतन के लोगों' गाने का सही तथ्य है कि इसे 1962 में कवि प्रदीप द्वारा लिखा गया था। इसमें मशहूर संगीतकार रह चुके सी रामचंद्रन ने म्यूजिक दिया था, जबकि लता मंगेशकर ने इसे गाया था। यह गाना 1962 में भारत-चीन की लड़ाई के बाद भारतीय सैनिकों के लिए लिखा गया था। लता मंगेशकर ने इसे 26 जनवरी, 1963 में दिल्ली में गाया था।