जेनेलिया और रितेश देशमुख के बीच वट पूर्णिमा पर प्यारा आदान-प्रदान
जेनेलिया और रितेश देशमुख हमेशा इंडस्ट्री के सबसे पसंदीदा कपल रहे हैं। अपने आकर्षक सौहार्द और मजेदार रीलों के साथ, वे हमें दिखाते हैं कि सच्चा प्यार कैसा होता है। आज, जेनेलिया सभी महाराष्ट्रीयन महिलाओं के साथ वट पूर्णिमा मना रही हैं, उन्होंने अपने प्यारे पति को एक सुंदर गीत समर्पित किया। वट सावित्री पूर्णिमा हिंदू विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए मनाई जाती है और बरगद के पेड़ की पूजा करती है। महिलाएं सावित्री देवी की पूजा के लिए इस शुभ दिन पर उपवास रखती हैं।
वट पूर्णिमा पूजा में डूबी अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए जेनेलियाने रितेश को टैग किया क्योंकि उन्होंने उनकी अपनी फिल्म 'वेद' के गीत 'सुख करले' की इंस्टा स्टोरी पोस्ट की थी। उनका यह दिखाने का सही तरीका था कि रितेश उनके लिए क्या मायने रखते हैं, जैसा कि गाने के बोल कहते हैं,
"हृदयाने हृदयाचे घर आहे उचल ले,
सुख कळले कळले,
सुख केले,
कळले ना कसे असे सूर जुलले।".
यानि के
“दिल दिलों का घर होते हैं,
मुझे पता है कि खुशी क्या है,
न जाने कैसे धुनें एक साथ आ गईं,
लेकिन दिल जुड़े हैं।"
खैर, रितेश ने अपनी "बायको" का जवाब उसी गाने के महिला संस्करण के साथ दिया। उन्होंने इन शब्दों को दिल को छू लेने वाले गीत में से चुना,
"वचनाचे अर्थ मी बंधन हे सात मी,
अर्धांगी समजुनी संपूर्ण पाळाले,
सुख कळले कळले,
सुख कळले कळले,
कळले ना कसे असे सूर जुलले,
माणूस जुलले।"
जिसका मोटे तौर पे ऐसा अनुवाद होता है
"मैं उन शब्दों को समझ गया हूँ जो आपने नहीं बोले हैं,
मेरे विचारों में जो कमी थी, उसे आपने पूरा कर दिया,
अब मुझे पता है कि खुशी का सही मायने में क्या मतलब है,
मुझे नहीं पता कि धुनें एक साथ कैसे आईं लेकिन दिल जुड़े हैं।"