पिता को 1200 किमी साइकिल पर बैठाकर ले जाने वाली ज्योति कुमार पर बनेगी फिल्म, खुद निभाएंगी लीड रोल
Photo : Twitter
कोरोना वायरस के कारण देश में लगे लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी मजदूरों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए लंबे सफर तय किए हैं। इसी दौरान 15 साल की ज्योति कुमारी अपने पिता को हरियाणा के गुड़गांव से बिहार के दरभंगा साइकिल पर बैठाकर लेकर गई थीं।
अब ज्योति कुमारी के इस कारनामे को एक फिल्म के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया जाएगा जिसमें खुद ज्योति ही लीड रोल निभा रही हैं। शाइन कृष्णा जल्द ही ज्योति की कहानी को दिखाने के लिए फिल्म 'आत्मनिर्भर' डायरेक्टर करने जा रहे हैं। फिल्म की कहानी ज्योति के गुरुग्राम से बिहार तक के सफर में आई दिक्कतों पर बनाई जाएगी।
फिल्म में ज्योति की कहानी के साथ-साथ सिस्टेमैटिक इश्यूज पर भी फोकस किया जाएगा। फिल्म अगस्त में फ्लोर पर आएगी। फिल्म को असल लोकेशन पर ही फिल्माया जाएगा हालांकि ये डॉक्यूमेंट्री नहीं होगी। ये कई अन्य घटनाओं को मिलाकर फिक्शनल होगी। इस फिल्म की हिंदी, अंग्रेजी और मैथिली भाषाओं के साथ-साथ अन्य भाषाओं में डबिंग की जाएगी।
इस सफर के बारे में ज्योति कुमारी ने एक इंटरव्यू में कहा, अगर मैं इस सफर पर नहीं निकलती तो मेरे पिता भूख से मर जाते। लॉकडाउन के बाद परेशानियां बढ़ गई थीं। मकान मालिक हमें घर से भगाना चाहते थे। हमारे किराया ना देने पर उन्होंने दो बार पॉवर भी काट दिया था। मेरे पिता के पास कोई इनकम नहीं थी हमें किसी तरह घर पहुंचना था।
ज्योति ने बताया, मैंने अपने पिता से कहा कि मैं उन्हें साइकिल से लेकर जाउंगी मगर वो नहीं माने। वो मुझसे बार-बार कह रहे थे कि मैं नहीं कर सकती। मैंने बैंक से हजार रुपए निकाले और 500 रु और जमा करके पुरानी साइकिल खरीदी। मैं हर दिन 50-60 किमी साइकिल चलाती थी। हम पेट्रोल पंप में रात गुजारते थे रास्ते में लोगों से खाना पीना मिल जाता था।
बता दें कि ज्योति कुमारी के जज्बे को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी सराहा था। ज्योति के पिता मोहन पासवान दिल्ली में रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे।