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Last Modified: बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (12:17 IST)

भाबीजी घर पर हैं की अंगूरी भाबी उर्फ शिवांगी अत्रे इस तरह मनाती हैं महाशिवरात्रि, बोलीं- शिव मंत्रों का जाप करती हूं...

भाबीजी घर पर हैं की अंगूरी भाबी उर्फ शिवांगी अत्रे इस तरह मनाती हैं महाशिवरात्रि, बोलीं- शिव मंत्रों का जाप करती हूं... - How Bhabiji Ghar Par Hain Angoori Bhabhi aka Shubhangi Atre celebrates the festival of Mahashivratri
महाशिवरात्रि, भगवान शिव को समर्पित सबसे पावन त्योहारों में से एक है, जो लाखों भक्तों के लिए गहरी आध्यात्मिक आस्था रखता है। यह दिन भक्ति, आत्मचिंतन और दिव्य आशीर्वाद पाने की प्रार्थना का प्रतीक है। इस पावन मौके पर एण्डटीवी के कलाकार बता रहे हैं कि वे महाशिवरात्रि कैसे मनाते हैं।
 
कलाकारों ने बताया कि वे कौन-सी परंपराएं निभाते हैं, और इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव से उनका विशेष जुड़ाव कैसा रहता है। इन कलाकारों में शामिल हैं - गीतांजलि मिश्रा (हप्पू की उलटन पलटन की राजेश) और शुभांगी अत्रे (भाबीजी घर पर हैं की अंगूरी भाबी)। 
 
शुभांगी अत्रे ऊर्फ अंगूरी भाबी कहती हैं, इंदौर में पले-बढ़े होने के कारण, महाशिवरात्रि हमारे परिवार में हमेशा एक भव्य उत्सव रहा है। मुझे याद है कि मैं बचपन में अपने पिता के साथ मंदिर जाती थी, आधी रात की आरती में शामिल होती थी और चारों ओर फैली दिव्य ऊर्जा को महसूस करती थी। वे बचपन की यादें आज भी मेरे दिल में बसी हुई हैं। आज भी मैं मंदिर जाकर शिवलिंग पर फूल, फल और दूध अर्पित करती हूं और शिव मंत्रों का जाप करती हूं। 
 
शुभांगी ने कहा, इस साल की महाशिवरात्रि और भी खास है, क्योंकि मुझे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी और श्री महाकाल मंदिर, उज्जैन, दोनों जगह एक के बाद एक भगवान शिव के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। यह एक अविश्वसनीय और दिव्य अनुभव था, जिसने मेरी आध्यात्मिक आस्था को और मजबूत किया। मैंने भगवान शिव से अपने पापा को जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलने की प्रार्थना की और एक गहरी शांति व आशा का अनुभव किया। मेरी शिव भक्ति मुझे जीवन में निरंतर मार्ग दिखाती रहती है, और मैं जल्द ही और ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। मेरे लिए, महाशिवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, भक्ति और परम आनंद का दिन है।
 
गीतांजलि मिश्रा ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ने कहा, महाशिवरात्रि मेरे लिए हमेशा गहरी आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक रहा है। मैं भगवान शिव की नगरी वाराणसी की रहने वाली हूं, जहां महाशिवरात्रि के उत्सव का अनुभव दिव्यता से भरा होता है। अपने परिवार के साथ इस त्योहार को मनाने से जुड़ी मेरे मन में कई खूबसूरत यादें हैं। मेरी मां का एक खास नियम था- इस दिन वह भगवान शिव के सामने दीप जलातीं, शिवलिंग पर जल और बेल पत्र चढ़ातीं और गहरी साधना में लीन हो जातीं। उनकी भक्ति ने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला, और आज भी मैं वही परंपरा निभाती हूं। 
 
उन्होंने कहा, हर महाशिवरात्रि, मैं दीपक जलाती हूं, शिवलिंग पर जल अर्पित करती हूं और ध्यान करती हूं, जिससे इस पवित्र दिन की ऊर्जा को महसूस कर सकूं। यह समय मुझे आत्मिक रूप से संतुलित रहने, आंतरिक शांति पाने और जीवन के आशीर्वाद के लिए आभार प्रकट करने में मदद करता है। इस वर्ष, मैं त्रयंबकेश्वर जाने की योजना बना रही हूं, ताकि अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ा सकूं और भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा में स्वयं को समर्पित कर सकूं।