रविवार, 1 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. बॉलीवुड न्यूज़
  4. asha bhosle birthday unkown facts about singer
Written By WD Entertainment Desk
Last Modified: शुक्रवार, 8 सितम्बर 2023 (12:43 IST)

90 साल की हुईं आशा भोसले, 12 हजार से ज्यादा गानों को दे चुकी हैं अपनी आवाज

90 साल की हुईं आशा भोसले, 12 हजार से ज्यादा गानों को दे चुकी हैं अपनी आवाज | asha bhosle birthday unkown facts about singer
Asha Bhosle Birthday: बॉलीवुड की जानीमानी पार्श्वगायिका आशा भोसले 90 वर्ष की हो गई हैं। महाराष्ट्र के सांगली गांव में 8 सितंबर 1933 को जन्मीं आशा भोसले के पिता पंडित दीनानाथ मंगेश्कर मराठी रंगमंच से जुड़े हुए थे। 9 वर्ष की छोटी उम्र में ही आशा के सिर से पिता का साया उठ गया और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाते हुए आशा और उनकी दीदी लता मंगेश्कर ने फिल्मों में अभिनय के साथ साथ गाना भी शुरू कर दिया।
 
आशा भोसले ने अपना पहला गीत साल 1948 में 'सावन आया' फिल्म चुनरिया में गाया। 16 वर्ष की उम्र में अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाते हुए उन्होंने अपनी उम्र से काफी बड़े गणपत राव भोसले से शादी कर ली। उनकी वह शादी ज्यादा सफल नहीं रही और अंततः उन्हें मुंबई से वापस अपने घर पुणे आना पड़ा। उस समय तक गीतादत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेश्कर फिल्मों में बतौर पार्श्वगायिका अपनी धाक जमा चुकी थीं।
 
साल 1957 में संगीतकार ओपी नैय्यर के संगीत निर्देशन में बनी निर्माता-निर्देशक बीआर चोपड़ा की फिल्म 'नया दौर' आशा भोंसले के सिने करियर का अहम पड़ाव लेकर आई। साल 1966 मे तीसरी मंजिल मे आशा भोसले ने आरडी बर्मन के संगीत में 'आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा' गाना को अपनी आवाज दी जिससे उन्हे काफी ख्याति मिली। साठ और सत्तर के दशक में आशा भोसले हिन्दी फिल्मों की प्रख्यात नर्तक अभिनेत्री हेलन की आवाज समझी जाती थी। 
 
आशा ने हेलन के लिए तीसरी मंजिल में 'ओ हसीना जुल्फों वाली, कारवां में 'पिया तू अब तो आजा', मेरे जीवन साथी में 'आओ ना गले लगा लो ना' और डॉन में 'ये मेरा दिल यार का दीवाना' गीत गाया। शास्त्रीय संगीत से लेकर पाश्चात्य धुनो पर गाने में महारत हासिल करने वाली आशा भोसले ने साल 1981 में प्रदर्शित फिल्म उमराव जान से अपने गाने के अंदाज में परिवर्तन किया। फिल्म उमराव जान से वह एक कैबरे सिंगर और पॉप सिंगर की छवि से बाहर निकली और लोगों को यह अहसास हुआ कि वह हर तरह के गीत गाने में सक्षम है।
 
उमराव जान के लिए आशा ने 'दिल चीज क्या है' और 'इन आंखों की मस्ती के' जैसी गजलें गाकर आशा को खुद भी आश्चर्य हुआ कि वह इस तरह के गीत गा सकती है। इस फिल्म के लिए उन्हें अपने करियर का पहला नेशनल अवार्ड भी मिला। साल 1994 मे अपने पति आरडी बर्मन की मौत से उन्हें गहरा सदमा लगा और उन्होंने गायिकी से मुंह मोड़ लिया। लेकिन उनकी जादुई आवाज आखिर दुनिया से कब तक मुंह मोड़े रहती। उनकी आवाज की आवश्यकता हर संगीतकार को थी। कुछ महीनों की खामोशी के बाद इसकी पहल संगीतकार ए. आर. रहमान ने की।
 
रहमान को अपने रंगीला फिल्म के लिये आशा की आवाज की जरूरत थी। उन्होंने 1995 में ऐतन्हा तन्हा' गीत फिल्म रंगीला के लिए गाया। आशा के सिने करियर मे यह एक बार फिर महत्वपूर्ण मोड़ आया और उसके बाद उन्होने आजकल की धूम धड़ाके से भरे संगीत की दुनिया में कदम रख दिया। आशा भोसले को बतौर गायिका आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें साल 2001 में फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व उन्हें उमराव जान और इजाजत में उनके गाए गीतों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया।
 
आज रिमिक्स गीतों के दौर में बनाये गये गानों पर यदि एक नजर डाले तो पायेंगे कि उनमें से अधिकांश नगमें आशा भोसले ने ही गाये थे। इन रिमिक्स गानों में पान खाये सइयां हमार, पर्दे में रहने दो, जब चली ठंडी हवा, शहरी बाबू दिल लहरी बाबू, झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में, काली घटा छाये मोरा जिया घबराये, लोगो न मारो इसे, कह दूं तुम्हें या चुप रहूं और मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो जैसे सुपरहिट गीत शामिल है।
 
आशा भोसले ने हिन्दी फिल्मी गीतों के अलावा गैर फिल्मी गाने गजल, भजन और कव्वालियो को भी बखूबी गाया है। जहां एक ओर संगीतकार जयदेव के संगीत निर्देशन में जयशंकर प्रसाद और महादेवी वर्मा की कविताओं को आशा ने अपने स्वर से सजाया है वही फिराक गोरखपुरी और जिगर मुरादाबादी के रचित कुछ शेर भी गाये है। हिंदी के अलावा आशा भोसले ने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और अन्य भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। वह 12 हजार से ज्यादा गाने जा चुकी हैं। 
Edited By : Ankit Piplodiya
ये भी पढ़ें
'बंबई मेरी जान' में हबीबा बनीं कृतिका कामरा, अपने किरदार को लेकर कही यह बात