रितिक बनेंगे शिव और प्रियंका होंगी पार्वती!
फिल्मकार करण जौहर को अमिश त्रिपाठी की भगवान शिव पर आधारित ट्रायोलॉजी सीरिज के पहले उपन्यास ‘मेलुहा के मृत्यंजय’ ने काफी प्रभावित किया है और वे इस पर फिल्म बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। करण जौहर ने ट्वीट कर बताया भी था कि वे सबसे पहले काबिल निर्देशक को ढूंढ रहे हैं जो इस विषय के साथ न्याय कर सके, उसके बाद वे उस अभिनेता के बारे में सोचेंगे जो भगवान शिव की भूमिका को निभा सकता हो। करण से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे रितिक रोशन को भगवान शंकर के रोल में देखना चाहते हैं। वे ऐसा अभिनेता चाहते हैं जो न दिखने में आकर्षक हो बल्कि अभिनय भी अच्छा करता हो। इस परिभाषा पर रितिक खरे उतरते हैं। साथ ही पार्वती के रोल में प्रियंका सशक्त दावेदार हैं। वैसे भी रितिक और प्रियंका की जोड़ी अच्छी लगती है और हालिया रिलीज ‘अग्निपथ’ सफल भी सिद्ध हुई है। राम बनने वाले थे रितिक रितिक के ससुर संजय खान ने वर्षों पहले रामायण पर फिल्म बनाने की सोची थी और भगवान राम के रोल में वे रितिक रोशन को लेना चाहते थे। यह एक बड़ा प्रोजेक्ट था, लेकिन बाद में राकेश रोशन और बॉलीवुड के अन्य निर्देशकों के कहने पर उन्होंने यह फिल्म रद्द कर दी क्योंकि धार्मिक फिल्मों का मार्केट लगभग खत्म हो गया है। क्या है मेलुहा के मृत्यंजय में?यह कोई नीरस-सी पौराणिक कथा नहीं, बल्कि एक सुंदर कल्पना से देवों के देव महादेव को और वास्तविक रूप में दर्शाने का प्रयत्न है। यह कहानी एक प्राचीन देश मेलुहा की है, जो कई शताब्दी पहले भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था। '
सूर्यवंशियों' की इस भूमि और सरस्वती नदी को 'चंद्रवंशी' एक श्रापित समूह 'नागा' के साथ मिलकर तबाह करना चाहते हैं। यहाँ के राजा दक्ष शिव और उनकी जनजाति 'गुनास' को चंद्रवंशियों के खिलाफ युद्ध में मदद करने के लिए निमंत्रण देते हैं। मेलुहा के लोग अपने इस बलशाली रक्षक को नीलकंठ का नाम दे देते हैं, क्योंकि सोमरस पी लेने पर शिव का गला नीला हो जाता है। शिव की यह यात्रा न केवल पराक्रम को परिभाषित करती है, बल्कि साथ ही उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य और एक नए रहस्य की ओर ले जाती है। युद्ध और उसका अचंभित करने वाला अंत अगली पुस्तक में प्रकाशित होगा। रहस्य और रोमांच से भरपूर शिव के इस मानव रूप की अनोखी कहानी इस उपन्यास में पढ़ने को मिलती है।