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Last Modified: रविवार, 25 जुलाई 2021 (12:37 IST)

केबीसी के लिए शॉर्ट फिल्म 'सम्मान' बनाने वाले नितेश तिवारी बोले- हॉट सीट पर पहुंचते ही अनकहा सम्मान मिलता जाता है

केबीसी के लिए शॉर्ट फिल्म 'सम्मान' बनाने वाले नितेश तिवारी बोले- हॉट सीट पर पहुंचते ही अनकहा सम्मान मिलता जाता है - kaun banega crorepati 13 short film sammaan nitesh tiwari
कौन बनेगा करोड़पति में आप कितना रुपया जीते हैं, कितनी इनाम राशि जीते हैं और किस लेवल तक जाते हैं? यह महत्वपूर्ण तो है लेकिन उतना नहीं जितना आपका हॉट सीट तक पहुंचना महत्वपूर्ण हो जाता है। आप वह शख्स बन जाते हैं जो उस हॉट सीट तक पहुंच जाते हैं और आपको अनकहा सम्मान मिलता जाता है। हर जगह एक पहचान बनती जाती है। 

 
अब हमारे पुराने कौन बनेगा करोड़पति सीरियल शो के कर्मवीर एपिसोड की बात कर लें। इस तरीके के एपिसोड्स ने हमारे देश में जो हो रहा है, उस काम को देशवासियों तक पहुंचाने का काम किया। हॉट सीट पर वह लोग पहुंचे जो सच में बदलाव लाने की कोशिश में लगे हुए थे और उन कर्मवीरों को देखकर दर्शकों को यह समझ में आया कि देश के जिस भाग से वह वापस शायद वाकिफ ना हों। लेकिन उस भाग में भी कोई अच्छा काम हो रहा है। 
 
केबीसी एक मंच था जो लोगों को पहचान दिलाने में अपनी तरह से मदद करता था, यह कहना है नितेश तिवारी का। जिन्होंने हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के लिए तीन शॉर्ट फिल्म बनाई है जिसमें से एक 'सम्मान' लोगों के सामने पहले ही आ चुकी है बाकी की दो अभी रिलीज होना बाकी है।
 
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नितेश ने मीडिया को बताया कि, कौन बनेगा करोड़पति का कैंपेन हमें कुछ इस तरीके से डिजाइन करना पड़ता है कि वह गेम शो की आत्मा को लोगों के सामने लाकर रख सके। आपको याद होगा जो पहला कौन बनेगा करोड़पति में विजेता बना था वह एक आम आदमी ही था। इसलिए जब कोई कैंपेन देखे या फिर यह गेम शो देखें। लोग इससे अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। 
 
यह गेम शो लोगों को यकीन दिलाता है कि आप कोई भी हो, कैसे भी हों लेकिन अगर आप थोड़ा सा पढ़ लिख जाते हैं या थोड़ा सा ध्यान रख लेते हैं, तो आप कौन बनेगा करोड़पति में अपनी जगह बना सकते हैं और फिर से यही क्यों, कहीं भी आप चाहे तो क्या नहीं कर सकते थोड़ी सी मेहनत और लगनशीलता हो तो आप हर मुकाम हासिल कर लेंगे। मुझे इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हर बार अपनी कैंपेन बनानी पड़ती है। कैंपेन में मुझे यह दिखाना बहुत जरूरी हो जाता है कि आसपास का माहौल जैसा भी हो आसपास जो घट रहा हो या फिर जो कि मेरे परिवेश में चल रहा हो। मुझे उस कठिनाई से बाहर निकलना है और अपना हर सपना सच करना है। 
 
कभी आपने नहीं सोचा इस गेम शो में हिस्सा लेने का 
पहले तो मुझे मालूम नहीं कि मैं इस गेम शो में भाग भी ले पाऊंगा या नहीं, लेकिन मैं शो से जुड़ा हुआ हूं। तो क्या यह चैनल मुझे अनुमति देगा या नहीं, मैं नहीं जानता। हां ऐसा कई बार हुआ है कि अपनी शूट ठीक से हो उसके लिए हम यूं ही बैठ गए। हमें यूं ही कोई गेम खेल लिया और कैमरा चेक कर लिया। या कभी यूं ही खेल खेल में हम लोग आपस में बैठ जाते थे और हॉट सीट पर बैठे बैठे आपस में खेलने लग जाते थे। लेकिन अगर मेरे सामने बच्चन साहब हो तो मैं तो निश्चित तौर पर नर्वस हो जाऊंगा। मैं नहीं खेल पाऊंगा उनके सामने।
 
क्या बच्चन साहब ने आपकी शॉर्ट फिल्म 'सम्मान' देखी है।
सम्मान की स्क्रिप्ट वो पढ़ चुके हैं। उन्होंने सराहना भी की। ऐसे में बच्चन साहब से शाबाशी भी मिल जाए तो बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि अमिताभ बच्चन जी की मैं बड़ी बात कहूं तो बहुत प्यार और सम्मान से मिलते हैं आपसे आपको, गर्माहट से मिलते हैं कि आपको लगता ही नहीं कि यह पहली बार मिले हों। इतने विनम्र हैं और यह सब बातें देखकर लगता ही नहीं कि वह उम्र में इतने बड़े हैं या उनका तजुर्बा इतना बड़ा है या उनका कद फिल्म इंडस्ट्री में इतना बड़ा है? एकदम प्रोफेशनलिज्म दिखाते हैं। समय के बहुत पाबंद है। यह सब बात मिलकर आपको वो, और भी ज्यादा सम्मानित शख्स लगने लग जाते हैं।  
 
नितेश अपने शार्ट फिल्म 'सम्मान' के मेकिंग के बारे में बताते हैं कि यह बहुत ही थका देने वाला काम था खासतौर पर से कास्टिंग। हमने इतने सारे लोगों का ऑडिशन लिया। कई बार ऐसा हुआ कि किसी की आवाज पसंद आई तो किसी की स्टाइल पसंद आई। और अगर थोड़ा सा भी नहीं ठीक लगे तो हम फिर से उसे तैयार होकर आने के लिए कह देते। लेकिन जब बात ओमकार जी की आई कि डब्बा के रोल के लिए किसे लिया जाए या डब्बा यह रोल कौन निभाएगा तो ओमकार हमें डब्बा, इस रोल के लिए एकदम फिट लगे। फिर भी यह शॉर्ट फिल्म 5 दिनों तक शूट होती रही। 
 
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