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Written By India FM

अतिमहत्वपूर्ण फिल्म है ‘अपने’ : बॉबी देओल

अतिमहत्वपूर्ण फिल्म है ‘अपने’ : बॉबी देओल -
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धर्मेन्द्र और सनी ने जो पहचान बनाई है वैसी पहचान बॉबी देओल अब तक नहीं बना पाए हैं। बॉबी की दो बड़ी फिल्में ‘झूम बराबर झूम’ और ‘अपने’ जल्दी ही प्रदर्शित होने जा रही है। ये फिल्में बॉबी के करियर में मददगार साबित हो सकती है। पेश है बॉबी से बातचीत :

आप के लिए ‘अपने’ महत्वपूर्ण क्यों है?
’अपने’ एक सपने के सच होने के समान है। यह एक ऐसी पहली फिल्म हैं जिसमें मैं, सनी भैया और पापा धर्मेन्द्र एक साथ दिखाई देंगे। यह महत्वपूर्ण नहीं बल्कि अतिमहत्वपूर्ण फिल्म है।

परदे पर दो दिग्गज कलाकारों के बीच जगह बनाना कैसा लगा?
घर पर जब भी मौका मिलता है हम सब साथ में रहने की कोशिश करते हैं। इस फिल्म की शूटिंग के लिए हम एक महीना पंजाब और कुछ दिन मुंबई में साथ रहे थे। जहाँ तक काम की बात है धर्मेन्द्र जैसा लीजेण्ड अपने दो बेटों के साथ काम कर रहा है यहीं सब कुछ बयां कर देता है।

क्या ‘अपने’ की कहानी बॉक्सिंग के ही इर्दगिर्द घूमती है?
’अपने’ में सिर्फ बॉक्सिंग के बारे में ही बात नहीं की गई है। इसमें मेरे पिता एक रिटायर्ड बॉक्सर की भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इसमें पारिवारिक रिश्तों की भी बात की गई है। यह ऐसी फिल्म है जिसे देखने के बाद जब आप अपने घर वापस जाएँगे तो अपने परिवार को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करेंगे। यह एक ऐसी कहानी है जिसमें दो बेटे अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करते हैं। यह पिता, माता, भाई, बहन के रिश्तों पर आधारित है इसीलिए इस फिल्म का नाम ‘अपने’ रखा गया है।

आप कैटरीना के साथ पहली बार काम कर रहे हैं। एक अभिनेत्री के बतौर वह कैसी है?
वह बहुत ही समर्पित और ईमानदार कलाकार है। इसके अलावा वह बहुत प्रतिभाशाली भी है।

क्या मार्केटिंग फिल्म की सफलता में अहम् भूमिका निभाती है?
यह एक भ्रमित करने वाली चीज है, क्योंकि कई बार अच्छी तरह प्रचारित की गई फिल्म भी अच्छा व्यवसाय नहीं कर पाती है। लोग फिल्म के बारे में जानें इसी को ध्यान में रखकर फिल्म का प्रचार करना चाहिए।

आपको आपके पिता और भाई की कौन-सी फिल्म प्रिय है?
मुझे मेरे भाई की ‘बेताब’ और ‘अर्जुन’ बेहद पसंद है। ये फिल्में समय से आगे की थीं और कई फिल्मकारों के लिए यह मील का पत्थर साबित हुईं। इसका सारा श्रेय निर्देशक राहुल रवैल को जाता है। जहाँ तक मेरे पिता का सवाल है तो मुझे ‘मेरा गाँव मेरा देश’ और ‘प्रतिज्ञा’ अच्छी लगीं। मैं अपनी फिल्म भी बता दूँ। ‘बरसात’, ‘गुप्त’, ‘दिल्लगी’ और ‘सोल्जर’ मुझे पसंद है।

लोग ‘अपने’ क्यों देखें?
लोगों को ‘अपने’ देखना चाहिए क्योंकि जब वे यह फिल्म देखकर अपने घर जाएँगे तो अपने माता-पिता को मिस करेंगे। यदि आप अपने परिवार को मिस कर रहे हैं तो ‘अपने’ जरूर देखिए

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