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सनी देओल, अक्षय कुमार और अजय देवगन क्यों नहीं जाते फिल्मी पार्टियों में?

सनी देओल, अक्षय कुमार और अजय देवगन क्यों नहीं जाते फिल्मी पार्टियों में? - Ajay Devgn, Akshay Kumar, Sunny Deol, Parties
ड्रग्स के साये ने जब से बॉलीवुड को अपनी चपेट में लिया है तब से उन फिल्मी पार्टियों की बातें भी सतह पर आने लगी हैं जिनमें ड्रग्स भी परोसी जाती थी। शराब को तो कानूनी रूप से मान्यता मिली हुई है, लेकिन बात शराब से आगे निकल कर ड्रग्स तक जा पहुंची है। 
 
सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के मामले में ड्रग्स ने एक नया मोड़ दिया है और कहा जा रहा है कि जांच कर रही एजेंसियों के पास उन फिल्म सितारों के नाम पहुंच चुके हैं जो ड्रग्स के नशे में चूर हो कर अपनी सफलता का जश्न मनाते हैं या अपनी असफलताओं के गम को भुलाने की कोशिश करते हैं। 
 
फिल्मी पार्टियां सदैव से ही लोगों का आकर्षण का केन्द्र रही है क्योंकि इसमें आम आदमी के लिए कोई जगह नहीं रही है। ये पार्टियां बरसों से चली आ रही हैं। राज कपूर, देवानंद और दिलीप कुमार के जमाने में किसी नई फिल्म की घोषणा के समय पार्टी दी जाती थी। फिर फिल्म के सफलता का जश्न पार्टी देकर मनाया जाता था। 
 
इन पार्टियों का जोर-शोर से ढिंढोरा पीटा जाता था। प्रतिद्वंद्वी भी इस पार्टी में शामिल होते थे और सफलता के नगाड़े उनके सीने पर हथौड़े समान लगते थे। धीरे-धीरे इन पार्टियों का रूप छिछोरा होता गया। ड्रग्स शामिल नहीं हुए, लेकिन नशे के बाद कई लोगों की जुबां पर उनके दिल का मैल आ गया और धीरे-धीरे ये पार्टियां अपना स्वरूप खोने लगी। अब फिल्मी पार्टियां कम होती हैं क्योंकि ग्रुप बन गए हैं। एक-दूसरे के ग्रुप में जाना सितारों को पसंद नहीं है। 
 
अजय देवगन, अक्षय कुमार और सनी देओल जैसे अभिनेताओं ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब पार्टियों का बोलबाला था। हर रोज दो से तीन पार्टियां होती थी। चूंकि तीनों ने बहुत तेजी से फिल्म उद्योग में अपना स्थान बनाया इसलिए हर पार्टी में इनकी डिमांड होती थी। शुरू में ये कुछ पार्टियों में नजर आए, लेकिन जल्दी ही इन्होंने दूरी बना ली। 
 
सनी देओल : सनी देओल के पिता धर्मेन्द्र जरूर पीने-पिलाने के शौकीन रहे, लेकिन सनी ने सदैव शराब से दूरी बना कर रखी। वे पार्टियों में नजर आए, लेकिन कभी उनके हाथ में जाम नहीं था। इस कारण उनकी लोगों से खास जमी नहीं। सनी ने एक इंटरव्यू में बताया कि पीने के बाद लोग कुछ तो भी बातें करने लगते हैं। उनका 'लेवल' और मेरा 'लेवल' मैच नहीं कर पाता था। कुछ देर पहले वे जिन लोगों की प्रशंसा करते फिर रहे थे कुछ जाम गटकने के बाद उनकी बुराई करने लगते थे। मुझे समझ नहीं आता था कि मैं क्या बात करूं, लिहाजा मैंने पार्टियों में जाना छोड़ दिया। 
 
अक्षय कुमार : खिलाड़ी कुमार यदा-कदा पार्टियों में नजर आते हैं, लेकिन जितनी जल्दी आते हैं उतनी जल्दी निकल जाते हैं। जैसे उनकी फिल्म की सफलता का जश्न हो तो केक कटा और अक्षय पार्टी से बाहर। अक्षय को भी पीना पसंद नहीं है। रात नौ बजे वे सोने पहुंच जाते हैं, लिहाजा उनके लिए देर रात तक जागना संभव नहीं है। अक्षय काम में विश्वास रखते हैं और इस तरह की पार्टियां उन्हें समय की बरबादी लगती है। 
 
अजय देवगन : अजय देगवन को पीना पसंद है, लेकिन वे खास दोस्तों के साथ ही पीना पसंद करते हैं। पार्टियों में सरेआम जाम छलकाना उन्हें पसंद नहीं। वे अंतर्मुखी हैं इसलिए जल्दी घुलमिल नहीं पाते। अजनबियों के बीच उन्हें अजीब सा महसूस होता है। बुराई करना उनका स्वभाव नहीं है। वैसे भी अजय रात 9 बजे तक अपने परिवार के बीच पहुंचना पसंद करते हैं। 
 
ऐसा नहीं है कि ये अभिनेता 'बोरिंग' किस्म के हैं। ये पार्टियां करते हैं, भले ही उसमें ये नहीं पीते, लेकिन इनके ऐसे दोस्त हैं, जो फिल्म इंडस्ट्री के नहीं है, जिनके बीच ये कम्फर्टेबल महसूस करते हैं, उनके साथ ये मौज-मस्ती करते हैं। ड्रग्स जैसी चीज से तो ये कोसों दूर हैं। 
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