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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 22 जनवरी 2025 (14:15 IST)

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, जानें महत्व और पराक्रम दिवस के बारे में

भारत के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस की जयंती, भारत को दिया था 'जय हिंद' का नारा

Subhas Chandra Bose; नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, जानें महत्व और पराक्रम दिवस के बारे में - Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025
Parakram Diwas n Subhas Chandra Bose Jayanti : सुभाष चंद्र बोस भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें 'नेताजी' के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उनकी जयंती को भारत में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए यहां जानते हैं सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय, नेताजी की जयंती का महत्व और उनकी ज्ञानवर्द्धक बातों के बारे में...ALSO READ: हर भारतीय को पता होने चाहिए गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े ये अनसुने रोचक तथ्य
 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का प्रारंभिक जीवन : सुभाष चंद्र बोस एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उन्होंने इंग्लैंड से सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए उन्होंने इस नौकरी को छोड़ दिया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सक्रिय सदस्य बन गए और गांधीजी के अनुयायी थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 'जय हिंद' का नारा दिया जो आज भी भारत का राष्ट्रीय नारा है। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराना था। बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी और सबसे बड़े नेता थे। 
 
सुभाष चंद्र बोस की जयंती का महत्व : नेताजी सुभाष चंद्र बोस देशभक्ति का प्रतीक हैं। तथा वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम के तहत जो संघर्ष किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। भारत में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाया जाता है, ताकि उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा सके और  युवा पीढ़ी उनके जीवन और कार्यों से प्रेरित हो सके।ALSO READ: कब, कहां और कैसे मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस, जानिए पहले गणतंत्र दिवस से जुड़ी ये रोचक जानकारी
 
सुभाष चंद्र बोस जयंती कैसे मनाई जाती है? : सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कई जगहों पर सैन्य परेड आयोजित की जाती है। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में नेताजी के जीवन और कार्यों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नेताजी के विचारों और कार्यों पर चर्चा करने के लिए सभाएं आयोजित की जाती हैं। नेताजी के जीवन पर आधारित लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से क्या सीखें : देशभक्ति: नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने साहस का परिचय दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प ले सकते हैं। उन्होंने देश की अखंडता और अपने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं किया। आओ भारत के इस महान वीर सपूत को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दें और उनके जीवन को हमारे आचरण में उतारते हुए देशभक्ति की भावना अपने मन में जगाए। 
 
पराक्रम दिवस का इतिहास क्या है : आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस से पहले भारत पराक्रम दिवस भी मनाता है। और यह दिवस देश के एक वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पराक्रम को समर्पित दिन होता है, जो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ा है।

जनवरी माह में जहां भारत ने अपने संविधान को अपनाया था, वहीं लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण भी हुआ था, तथा स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े दिग्गज जननायक नेताजी का भी संबंध इस माह से है, क्योंकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के पूर्व नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है और भारत सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर वर्ष 2021 में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। तब से इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 

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