मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वीमेन कॉर्नर
  3. ब्यूटी केयर टिप्स
  4. Glycolic acid vs salicylic acid
Written By WD Feature Desk

ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड, आपकी स्किन के लिए कौन है बेहतर?

जानिए AHA और BHA में क्या हैं अंतर और ये कैसे करते हैं काम

face serum
ग्लाइकोलिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड ऐसे दो एक्टिव हैं जिनका प्रयोग स्किन के प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा होता है। ये एक्टिव मुख्य रूप से टोनर, सीरम और क्लींजिंग प्रोडक्ट्स में एह ज़रूरी इन्ग्रीदिएन्त के रूप में इस्तेमाल होते हैं। यह दोनों ही सामग्री हमारी स्किन को एक्सफोलिएट करती है, जिससे मुंहासों से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा भी इससे स्किन को कई लाभ होते हैं।

लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर दोनों में से कौन सी चीज स्किन के लिए बेहतर होती है? आज इस लेख में हम इसी बात की जानकारी आपको देने वाले हैं। आइए जानते हैं ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड में से कौन है बेहतर?ALSO READ: स्किन की टैनिंग से हैं परेशान तो खीरे और ग्लिसरीन से दूर करें ये समस्या

ग्लाइकोलिक एसिड क्या है?
ग्लाइकोलिक एसिड एक अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए) है। यह प्राकृतिक रूप से गन्ने में पाया जाता है। लेकिन इसे प्रयोगशाला में भी तैयार किया जाता है। यह एक छोटा का अणु है, जिसकी मदद से स्किन की परेशानियों को आसानी से कम किया जा सकता है।

यह आपकी स्किन की नमी को बनाए रखते हुए आपकी त्वचा को एक्सफोलिएट करता है। इतना ही नहीं, इसकी मदद से स्किन के ऊपरी डेड सेल्स को हटाया जा सकता है। इससे नई कोशिकाओं को निर्माण में मदद मिलती है।

ग्लाइकोलिक एसिड आपकी स्किन पर होने वाली सूजन को कम कर सकता है। साथ ही यह अल्ट्रा वायलेट किरणों से आपकी स्किन को सुरक्षित रखने में मददगार होता है। यह उन बैक्टीरिया के खिलाफ भी काम करता है, जो स्किन पर मुंहासे निकलने का कारण बनते हैं।

इसके साथ ही ग्लाइकोलिक एसिड का इस्तेमाल मुख्य रूप से स्किन की रंगत को एक समान करने और स्किन की बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।

सैलिसिलिक एसिड क्या है?
सैलिसिलिक एसिड एक बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए) है। यह प्राकृतिक रूप से विलो वार्क और विंटरग्रीन पत्तियों में पाया जाता है। इसके अलावा इसे प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से भी तैयार किया जा सकता है।

ग्लाइकोलिक एसिड की तरह, सैलिसिलिक एसिड का स्किन पर एक्सफोलिएटिंग प्रभाव होता है। यह स्किन में बनने वाले अतिरिक्त सीबम (तेल) को हटाता है और सीबम उत्पादन को कम कर सकता है, जिससे यह छिद्रों को खोलने के लिए एक असरदार घटक बन जाता है। सैलिसिलिक एसिड की मदद से हल्के सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं। सैलिसिलिक एसिड का इस्तेमाल मुख्य रूप से मुंहासे को रोकने और इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके कई अन्य लाभ जैसे- ब्लैकहेड्स कम करना, हाइपरपिग्मेंटेशन करना भी होता है।

दोनों में से कौन है बेहतर?
अगर आपको एक्ने है, तो ऐसी स्थिति में दोनों की सामग्री आपकी स्किन के लिए बेहतर है। लेकिन सामान्य तौर पर, स्किन के लिए सैलिसिलिक एसिड बेहतर विकल्प है। दरअसल, सैलिसिलिक एसिड स्किन में सीबम के उत्पादन को कम करता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सीबम छिद्रों को बंद कर सकता है, जिससे मुंहासे निकलने का खतरा बढ़ जाता है। अतिरिक्त सीबम बैक्टीरिया के विकास को भी बढ़ावा देता है, जो स्किन पर एक्ने के कारण बनता है। सैलिसिलिक एसिड के एक्सफ़ोलीएटिंग, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी प्रभाव मुंहासे को कम करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ें
इन घरेलू नुस्खों से टैनिंग हो जाएगी बस 1 दिन में कम, जानिए प्रयोग करने का तरीका